नई दिल्ली। देश के सर्विस सेक्टर में नए ऑर्डर में धीमी ग्रोथ और मैन्युफैक्चरर्स के ऑर्डर बुक स्थिर रहने के कारण अप्रैल में प्राइवेट सेक्टर की गतिविधि घटी है। इससे रिजर्व बैंक ओर से ब्याज दर में और कटौती करने की मांग को बल मिलेगा। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर्स का आकलन करने वाला निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएआई उत्पादन सूचकांक अप्रैल में गिरकर 37 महीने के न्यूनतम स्तर 52.8 पर आ गया जो मार्च में 54.3 पर था। इससे देश भर में प्राइवेट सेक्टर की गतिविधियों में नरमी का संकेत मिलता है।
इस सर्वे का आकलन करने वाली एजेंसी मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि मार्च में तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाने के बाद अप्रैल में धीमी पड़ गई। लीमा ने कहा कि विनिर्माता अभी भी मांग में नरमी बढ़ने के माहौल से जूझ रहे हैं जबकि सेवा क्षेत्र में गतिविधियों में ठोस बढ़ोतरी हुई है और नए आर्डर बरकरार हैं।
इस बीच निक्केइ सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक मार्च में 54.3 और अप्रैल में 53.7 पर रहा। रोजगार के मोर्चे पर अप्रैल के दौरान सेवा क्षेत्र में रोजगार का स्तर अपरिवर्तित रहा। इधर विनिर्माण क्षेत्र में भी कर्मचारियों की संख्या अपरिवर्तित रही।