नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों ने विभिन्न बैंड के स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित विशाल नीलामी की तारीख एक-दो दिन के लिए टालने का सरकार से अनुरोध किया। कंपनियां चाहती हैं कि नीलामी के ट्रायल और वास्तविक नीलामी के बीच कुछ और समय दिया जाना चाहिए। दूरसंचार विभाग ने कहा है कि इस सुझाव पर अनुकूल दृष्टिकोण से विचार किया जा रहा है। नीलामी के लिए जारी दस्तावेजौं के अनुसार ट्रायल नीलामी 26 और 27 सितंबर को और वाणिज्यिक नीलामी 29 सितंबर को होनी है।
एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी ने कहा कि 29 सितंबर श्राद्धों के दौरान पड़ रहा है। इसलिए नीलामी की तारीख को शुभ दिवस में किया जाना चाहिए। कंपनियों से बातचीत में दूरसंचार विभाग के एक्सेस सर्विसेज के डीडीजी पी. के. मित्तल ने कहा कि आप प्रस्ताव भेज दीजिए, हम इस पर विचार करेंगे। नीलामी से पहले की इस वार्ता में आरकॉम, भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, आइडिया, वोडाफोन और टेलीनॉर इत्यादि के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सरकार सभी बैंड 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज तथा 2300 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 2,354.55 मेगाहट्र्ज मोबाइल सेवा स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए पेश करेगी। नीलामी के लिए रखे जाने वाले हर बैंड के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4जी सेवाओं के लिए किया जा सकेगा। नीलामी के लिए पेश किए जाने वाले कुल स्पेक्ट्रम में से 197 मेगाहट्र्ज 1800 मेगाहट्र्ज बैंड तथा 37.5 मेगाहट्र्ज 800 मेगाहट्र्ज (सीडीएमए) बैंड में होगा। सरकार को चालू वित्त वर्ष में 2,354.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी से 64,000 करोड़ रुपए तथा दूरसंचार सेवाओं पर विभिन्न शुल्कों और सेवाओं से 98,995 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।