नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान मामूली सुधार रहने की उम्मीद है। जनवरी-मार्च तिमाही के 6.1 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्तीय सेवाएं देने वाली जापान की कंपनी नोमुरा ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
नोमुरा के अनुसार जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान वृद्धि दर पर नोटबंदी का असर रहा था। देश में आर्थिक गतिविधियां वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण भी नरम पड़ गई थीं, लेकिन अब इनमें सुधार आने लगा है। उसने कहा कि जहां उपभोग और सेवा क्षेत्र के सूचकांक विशेषकर परिवहन में जुलाई के दौरान तेजी लौटी, वहीं उद्योग और निवेश क्षेत्रों के आंकड़े कमजोर रहे। हालांकि पुनर्मुद्रीकरण और बेहतर वित्तीय हालात के कारण इस साल के अंत तक आर्थिक वृद्धि दर में सुधार की संभावना है।
उसने कहा, जीएसटी के असर तथा हमारे सूचकांकों के हिसाब से हमें अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही के 6.1 फीसदी की तुलना में मामूली सुधर कर 6.6 फीसदी रहने की उम्मीद है। हालांकि, इस साल के उत्तरार्द्ध में हमें आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
नोमुरा के अनुसार, जुलाई में शहरी और ग्रामीण उपभोग दोनों में तेजी लौटी है। डीजल का उपभोग तथा उपभोक्ता ऋण भी बढ़ा है, जो उपभोक्ता मांग शानदार रहने का सूचक है। हालांकि निवेश, उद्योग और बाहरी मांग में नरमी रही। मौद्रिक नीति के मुद्दे पर नोमुरा ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय बैंक के ठहराव बनाए रखने की उम्मीद है।