नई दिल्ली। 8 नवंबर को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की घोषणा का असर दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर बुरी तरह पड़ा है। नोटबंदी के एक महीने बाद देश का औद्योगिक उत्पादन दिसंबर में (-)0.4 फीसदी रहा है। एक साल पहले इसी माह के दौरान इसमें 0.9 प्रतिशत गिरावट आई थी। कंज्यूमर और कैपिटल गुड्स उत्पादान की ग्रोथ नकारात्मक रहने से आईआईपी नकारात्मक रहा है।
शुक्रवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आंकड़ों से पता चला है कि नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि पिछले साल के दिसंबर में यह (-)0.9 फीसदी थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र की विकासदर घटकर 2 फीसदी होने के कारण समूचे आईआईपी सूचकांक में गिरावट आई है, जिसका समग्र सूचकांक में अधिकतम वजन है।
- दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में दो प्रतिशत की गिरावट आई। एक साल पहले समान महीने में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.9 प्रतिशत घटा था।
- चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही है।
- इससे पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ माह में औद्योगिक उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा था।
- समीक्षाधीन महीने में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 10.3 प्रतिशत घट गया।
- इस खंड में टीवी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन आदि का उत्पादन आता है।
- एक साल पहले समान महीने में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 16.6 प्रतिशत बढ़ा था।
- एफएमसीजी सहित उपभोक्ता गैर टिकाऊ क्षेत्र का उत्पादन दिसंबर में पांच प्रतिशत घटा।
- दिसंबर, 2015 में यह 2.7 प्रतिशत घटा था।
- कुल मिलाकर उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन दिसंबर में 6.8 प्रतिशत घटा है, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 3.2 प्रतिशत की बढ़त रही थी।
- निवेश का संकेतक कहे जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन तीन प्रतिशत घटा। दिसंबर, 2015 में यह 18.6 प्रतिशत घटा था।
- दिसंबर में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 6.3 प्रतिशत बढ़ गया। एक साल पहले समान महीने में यह 3.2 प्रतिशत बढ़ा था।
- खनन उत्पादन इस दौरन 5.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि इससे पिछले साल दिसंबर में यह 2.8 प्रतिशत बढ़ा था।
- कुल मिलाकर विनिर्माण क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से 17 में उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई।