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भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी के आसपास बनी रहेगी,

ICD का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है।

Abhishek Shrivastava
Updated : June 01, 2016 20:40 IST
वैश्विक कंपनियों को भारत की वृद्धि पर भरोसा,  चालू वित्‍त वर्ष में 7.5 से 7.7 फीसदी वृद्धि दर का जताया अनुमान
वैश्विक कंपनियों को भारत की वृद्धि पर भरोसा, चालू वित्‍त वर्ष में 7.5 से 7.7 फीसदी वृद्धि दर का जताया अनुमान

नई दिल्ली: आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है। भले ही वैश्विक आर्थिक वृद्धि में गिरावट जारी है।

पेरिस के इस शोध समूह ने यह संभावना भारत द्वारा पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के आंकड़े और भारत की वृद्धि दर पांच साल के सबसे ऊंचे स्तर यानी 7.6 फीसदी पर रहने की घोषणा के एक दिन बाद जताई है। OECD ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी और इसकी वृद्धि दर साढ़े सात फीसदी के आसपास बने रहने की संभावना है।

अर्थव्यवस्था में निवेश की रफ्तार सुधरने की गुंजाइश नहीं

विदेशी ब्रोकरेज बैंक ऑफ अमेरिका-मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने इस साल अर्थव्यवस्था में निवेश की रफ्तार में सुधार की संभावना को खारिज किया है। बोफा-एमएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश की रफ्तार में तभी सुधार आएगा, जबकि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और कटौती करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें निवेश में 2017 में ही सुधार आने की उम्मीद है। ब्याज दरें नीचे आने पर कंपनियां निवेश की परियोजनाओं को तभी आगे बढ़ाएंगी, जबकि ब्याज दरों में कमी से मांग बढ़ने और मौजूदा क्षमता का पूरा इस्तेमाल हो जाएगा। रिपोर्ट कहती है कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में नीतिगत दरों में आधा फीसदी की और कटौती कर सकता है। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी।

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नोमुरा ने चालू वित्त में भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर किया 7.7 फीसदी

नोमुरा ने 2016-17 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि के अपने पहले किए गए अनुमान को हल्का घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है। पहले इस वित्तीय सेवा फर्म ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। नोमुरा ने जारी अपने अनुमानों में कहा कि फिलहाल निर्यात या निजी पूंजी निवेश व्यय में काई सुधार होने के संकेत नहीं हैं।

नोमुरा ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों से पता चलता है कि सुधार धीरे-धीरे हो रहा है लेकिन यह मुख्य तौर पर निजी खपत से प्रेरित है। नोमुरा ने कहा कि आने वाले दिनों में वृद्धि के तीन सकारात्मक पहलू होंगे जिनमें- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन वृद्धि, सामान्य मानसून और इस समय चल रहा सार्वजनिक पूंजीगत निवेश शामिल है।

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