मुंबई। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर जाने (ब्रेक्जिट) की स्थिति में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले दो सालों के भीतर 0.6 फीसदी घटने होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार और वित्तीय चैनलों के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था पर ब्रेक्जिट का प्रभाव पड़ेगा। हालांकि ब्रिटेन को प्रत्यक्ष तौर पर कम निर्यात किए जाने के चलते यह प्रभाव क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं को किए जाने वाले निर्यात की तुलना में कम प्रभावित करेगा।
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि उनके आकलन के अनुसार मध्यम काल में दबाव की स्थिति को देखते हुए अगले दो साल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ रेट में 0.1 से 0.2 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वहीं, उच्च काल दबाव की स्थिति में इसके 0.3 से 0.6 फीसदी नीचे आने की संभावना है। स्थिति को देखते हुए अगर पॉलिसी की बात करें तो मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल लोन ग्रोथ, पेट्रोल की खपत, हवाई यात्रियों की संख्या और कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पादन पिछले चार महीने में बढ़ा है। इससे पता चलता है कि भारत डिमांड मजबूत है। इसके कारण ब्रेक्जिट का असर दूसरे देशों को मुकाबले कम होगा।