नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 सरकार के लिए चुनौतीभरा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अगले 10 साल के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर सतत रूप से 7 फीसदी बनी रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुने से अधिक होकर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। सिन्हा ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों एवं वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के मद्देनजर अगला वर्ष चुनौतीपूर्ण होगा।
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उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वर्ष होने जा रहा है क्योंकि हमें दो प्रमुख कारक कृषि और निर्यात में गिरावट प्रभावित कर रहे हैं। ये दो कारक हमें पीछे घसीट रहे हैं। इसके अलावा, सरकार को वन रैंक वन पेंशन और 7वें वेतन आयोग की देनदारी से निपटना है, जो एक लाख करोड़ रुपए से अधिक होने जा रही है। सिन्हा ने यहां फिक्की की सालाना आम सभा में कहा कि यदि हम 7 फीसदी की दर से वृद्धि करते हैं तो एक दशक में हमारी अर्थव्यवस्था दोगुनी हो जाएगी। हम 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से 4,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होने जा रहे हैं। यदि रुपया मजबूत होता है तो यह 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकती है। यह होने जा रहा है, हमें बस वह करते रहना है जो हम कर रहे हैं।
राजकोषीय घाटे के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष एवं अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य पूरा करेगी। हम चालू वित्त वर्ष के लिए 3.9 फीसदी और अगले वित्त वर्ष के लिए 3.5 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करेंगे। प्रमुख विधेयकों के संबंध में सिन्हा ने कहा कि हमारी तरफ से हम तैयार हैं और दिवालियापन का विधेयक लाने के लिए कमर कस चुके हैं। यदि जरूरत पड़ी तो हम यह विधेयक लाने की स्थिति में हैं और यह जीएसटी के मुकाबले दूसरा महत्वपूर्ण विधेयक है। सरकार के पास विधेयक पेश करने के लिए तीन कार्यदिवस बचे हैं क्योंकि संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि हमारी दो शीर्ष प्राथमिकताएं जीएसटी और दिवालियापन का विधेयक हैं। हम जीएसटी विधेयक पर निरंतर चर्चा कर रहे हैं जिसके लिए हमे अपने साथियों से विशेषकर प्रमुख विपक्षी पार्टी से सहयोग नहीं मिला है।