नई दिल्ली। बेहतर मानसून और वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। इसके कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ग्रोथ में सुधार उपभोग खासकर ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी पर निर्भर है, क्योंकि ग्लोबल स्तर पर चिंता के बीच निवेश आधारित रिवाइवल की गति धीमी रह सकती है।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा, हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2016-17 में ग्रोथ को गति देने वाले कारक के रूप में निवेश का स्थान उपभोग लेगा। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहेगी। ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार बेहतर मानसून के कारण ग्रामीण उपभोग में रिवाइवल से खपत को सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी से गति मिलने की संभावना है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने और वन रैंक वन पेंशन के तहत रक्षा क्षेत्र में पेंशन बढ़ने से शहरी खपत में आगे और ग्रोथ की संभावना है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड को उम्मीद है कि 2013-14 के बाद से पहली बार चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण मांग में तेजी आएगी क्योंकि अच्छी बारिश से एग्रीकल्चरल सेक्टर की ग्रोथ रेट 2016-17 में 4-5 फीसदी होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कमजोर ग्लोबल ग्रोथ से भारत के रिवाइवल की रफ्तार प्रभावित हो सकती है।