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मोदी सरकार के लिए बढ़ी चिंता, 2016-17 की पहली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ रही 7.1%

भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) की वृद्धि दर 2016-17 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 फीसदी रही। पिछले वित्‍त वर्ष की समान तिमाही में यह दर 7.5 फीसदी थी।

Abhishek Shrivastava
Updated : August 31, 2016 19:15 IST
New Worry: मोदी सरकार के लिए बढ़ी चिंता, 2016-17 की पहली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ रही 7.1%
New Worry: मोदी सरकार के लिए बढ़ी चिंता, 2016-17 की पहली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ रही 7.1%

नई दिल्‍ली। भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) की वृद्धि दर 2016-17 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 फीसदी रही। पिछले वित्‍त वर्ष की समान तिमाही में यह दर 7.5 फीसदी थी। जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट से मोदी सरकार की विकास योजनाओं को धक्‍का लगा है और इससे सरकार की चिंताएं और बढ़ गई हैं। बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक कृषि, खनन और निर्माण क्षेत्र में निम्‍न गतिविधियों के कारण जीडीपी वृद्धि की रफ्तार सुस्‍त पड़ी है।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ताजा आंकड़ों के बाद कहा कि अच्छे मानसून, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और बुनियादी सुधारों के चलते चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर आठ फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक ग्रॉस वैल्‍यू एडेड (जीवीए) आधार पर विकास दर 7.3 फीसदी रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 7.2 फीसदी थी। जीवीए को अर्थव्‍यवस्‍था के प्रदर्शन को मापने का बेहतर साधन माना जाता है और इसमें प्रोडक्‍ट टैक्‍स और सब्सिडी को हटाकर गणना की जाती है।

सरकार ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का लक्ष्‍य रखा है। सरकार को इस साल बेहतर मानसून से इस लक्ष्‍य को हासिल करने की उम्‍मीद है। वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रही है, जिसने भारत को पूरी दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्‍यवस्‍था बनाया है। इस वृद्धि दर के साथ भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।

 

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