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खाने-पीने पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं भारतीय, 2018 तक 4 लाख करोड़ की हो जाएगी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री

आईआईएम-कोलकत्ता और एकेडमिक फाउंडेशन द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक देश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री साल दर साल आधार पर 11 फीसदी की दर से बढ़ेगा।

Shubham Shankdhar
Updated : November 16, 2015 16:40 IST
खाने-पीने पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं भारतीय, 2018 तक 4 लाख करोड़ की हो जाएगी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री
खाने-पीने पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं भारतीय, 2018 तक 4 लाख करोड़ की हो जाएगी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री
मुंबई। देश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के अच्छे दिन आ सकते हैं। आईआईएम-कोलकत्ता और एकेडमिक फाउंडेशन द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक देश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री साल दर साल आधार पर 11 फीसदी की दर से बढ़ेगा। इसके कारण 2018 तक इंडस्ट्री का कारोबार 65.4 अरब डॉलर (करीब 4 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंचने की संभावना है। वर्तमान में इस इंडस्ट्री की वैल्यू 39.71 अरब डॉलर (2,476.8 अरब रुपए) है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाकी देशों के मुकाबले अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा फूड और ग्रॉसरी पर खर्च करते है। इसके कारण फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का कारोबार बढ़ सकता है।
यह भी पढ़ें: Look forward: 2020 तक 25,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा फास्‍ट फूड बाजार
रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के उपभोग में फूड और ग्रॉसरी का हिस्सा काफी बड़ा है। उपभोग खंड में इनकी करीब 31 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके उलट, अन्य देशों में उपभोक्ता इस चीजों पर अपनी कमाई का बहुत छोटा हिस्सा खर्च करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी उपभोक्ता फूड और ग्रॉसरी पर 9 फीसदी, ब्राजील और चीन के उपभोक्ता क्रमश: 17 फीसदी और 25 फीसदी खर्च करते हैं। भारत के खुदरा क्षेत्र में भी खाद्य का हिस्सा काफी बड़ा है और 2013 में देश का खुदरा बाजार 490 अरब डॉलर का था जो 2023 तक बढ़कर 865 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।

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