नई दिल्ली। ग्लोबल बैंकिंग कंपनी एचएसबीसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया का कुल व्यापार वर्ष 2050 तक बढ़कर 68.5 लाख करोड़ डॉलर को जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वृद्धि में सबसे अहम भूमिका एशिया की होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि इस दौरान भारत वस्तुओं के निर्यात की वृद्धि दर के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।
एचएसबीसी की लैंडमार्क ट्रेड विंड्स रिपोर्ट के नए अनुमानों के अनुसार 2050 तक वैश्विक व्यापार के चार गुना होकर 68,500 अरब डॉलर पर पहुंचने में एशिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तुओं के निर्यात की वृद्धि दर के मामले में भारत के पास चीन को पीछे छोड़ने की क्षमता है। 2025-50 के दौरान भारत से वस्तुओं के निर्यात की वृद्धि दर औसतन छह फीसदी रहेगी, जबकि चीन के मामले में यह 5 फीसदी से कम रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक एशिया प्रशांत की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी 2015 के एक-तिहाई से बढ़कर 46 फीसदी हो जाएगी। वहीं पश्चिमी यूरोप की हिस्सेदारी 34 से घटकर 22 फीसदी व उत्तरी अमेरिका की 11 से घटकर 9 फीसदी रह जाएगी। वर्तमान में वैश्विक मांग में कमजोरी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट की वजह से भारत का निर्यात घटा रहा है। भारत रिफाइनरी उत्पादों का प्रमुख निर्यातक देश है।
अक्टूबर में भारत का निर्यात लगातार 11वें महीने घटा है। इस दौरान भारत का कुल निर्यात पिछले साल के समान माह के मुकाबले 17.53 फीसदी घटकर 21.35 अरब डॉलर का रहा है, जो कि पिछले साल 25.89 अरब डॉलर का रहा था। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियन देशों में बढ़ते आंतरिक व्यापार से 2050 तक ग्लोबल निर्यात में एशिया की हिस्सेदारी बढ़कर 27 फीसदी हो जाएगी, जो अभी 17 फीसदी है।