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देश पर विदेशी कर्ज जून अंत में बढ़कर हुआ 485.8 अरब डॉलर, चीन का कर्ज भी 1560 अरब डॉलर हुआ

देश का विदेशी कर्ज जून अंत में 3 प्रतिशत बढ़कर 485.8 अरब डॉलर हो गया है। इसका मुख्य कारण घरेलू पूंजी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में हुई वृद्धि है।

Abhishek Shrivastava
Updated on: September 30, 2017 13:46 IST
देश पर विदेशी कर्ज जून अंत में बढ़कर हुआ 485.8 अरब डॉलर, चीन का कर्ज भी 1560 अरब डॉलर हुआ- India TV Paisa
देश पर विदेशी कर्ज जून अंत में बढ़कर हुआ 485.8 अरब डॉलर, चीन का कर्ज भी 1560 अरब डॉलर हुआ

मुंबई। देश का विदेशी कर्ज पिछली तिमाही के मुकाबले में जून अंत में 3 प्रतिशत बढ़कर 485.8 अरब डॉलर हो गया है। विदेशी ऋण बढ़ने का मुख्य कारण घरेलू पूंजी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में हुई वृद्धि है। भारतीय रिजर्व बैंक के जारी आंकड़े के मुताबिक, जून अंत में देश पर विदेशी कर्ज 485.8 खरब डॉलर हो गया है, जो कि मार्च 2017 के स्तर के मुकाबले 13.96 अरब डॉलर अधिक है।

विदेशी ऋण में आंशिक तौर पर वृद्धि, रुपए और अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में गिरावट के कारण है। जून माह के अंत में विदेशी ऋण जीडीपी का 20.3 प्रतिशत हो गया था, जबकि मार्च महीने में यह स्तर 20.2 प्रतिशत था। केंद्रीय बैंक ने कहा, रुपए और अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में गिरावट के चलते मूल्यांकन 1.75 डॉलर पहुंच गया है। मूल्यांकन प्रभाव को हटाने पर, जून महीने के अंत में विदेशी ऋण में 13.96 अरब डॉलर के बजाये 12.24 डॉलर रहता है।

चीन का बकाया विदेशी कर्ज बढ़कर 1560 अरब डॉलर हुआ 

चीन का बकाया ऋण लगातार दूसरी तिमाही में बढ़कर 1560 अरब डॉलर हो गया है। नियामक स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (एसएएफई) ने एक बयान में यह जानकारी दी है।

बयान में कहा गया है कि जून के आखिर में यह ऋण 1560 अरब डॉलर रहा, जो कि पूर्व तिमाही की तुलना में 8.7 प्रतिशत अधिक है। इसके अनुसार चीन के विदेशी ऋण का बड़ा हिस्सा अल्पकालिक उधारी का है।

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