नई दिल्ली। 2022 तक सभी भारतीयों के लिए घर बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना देश में 1.3 लाख करोड़ डॉलर मूल्य की आर्थिक क्रांति ला सकती है, जो कि मेक्सिको की जीडीपी से थोड़ी बड़ी है।
2018 से 2024 के बीच, तकरीबन 6 करोड़ नए घर बनाने की तैयारी है, इनमें से अधिकांश सरकार के अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम के तहत आएंगे। भारत अपने नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयासरत है। ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इससे यह उम्मीद है कि यहां हर साल 20 लाख नए जॉब पैदा होंगे और भारत की जीडीपी में 75 आधार अंकों की अतिरिक्त वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हाउसिंग सेक्टर एक टिपिंग प्वाइंट पर है और यह इकोनॉमी का अगला बड़ा ग्रोथ ड्राइवर होगा। 2014 में सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी का पूरा ध्यान अफोर्डेबल हाउसिंग का विस्तार करने पर है। जून 2015 में, उन्होंने 2022 तक पूरे देश में 2 करोड़ घर बनाने की घोषणा की। फरवरी 2017 में, पहली बार, भारत ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का स्टेट्स दिया, जो इस सेक्टर को इनसेंटिव और सब्सिडी उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा सरकार के इस कदम से इस सेक्टर को टैक्स बेनेफिट्स और बैंकों से सस्ता लोन मिलने में भी मदद मिलेगी।
पिछले साल दिसंबर में नोटबंदी के बाद बैंकों में बड़ी मात्रा में नगदी जमा होने के बाद सरकार ने गरीबों को घर खरीदने में मदद के लिए दो योजनाओं की घोषणा की। पहली योजना में निम्न आय वर्ग के लिए 9 लाख रुपए तक के होम लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने की पेशकश की गई। वहीं 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर यह सब्सिडी 3 प्रतिशत है। दूसरी योजना में, ग्रामीण भारत में, मोदी ने घर में सुधार के लिए 2 लाख रुपए तक के लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट देने की घोषणा की है।
इसके अलावा सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को रेगूलेट करने के लिए 1 मई से पूरे देश में नया रेरा कानून भी लागू कर दिया है। नए कानून के तहत, प्रत्येक राज्य और केंद्रित शासित प्रदेशों को अपना एक रेगूलेटर बनाना होगा। इसके अलावा रियल एस्टेट कंपनियों को एक एस्क्रो एकाउंट बनाना होगा, जिसमें निर्माणाधीन घरों के लिए खरीदारों से एकत्रित की गई राशि का 70 प्रतिशत रखना होगा। इस पैसे का इस्तेमाल केवल उसी परियोजना के निर्माण पर किया जा सकेगा।
फिलहाल रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए कुछ समय के लिए सभी चीजें स्थिर दिखाई दे रही हैं। सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले पांच सालों में मोर्टगेज रेट 250 आधार अंकों से ज्यादा गिर चुका है, प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर हैं और प्रति व्यक्ति आय 10 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ रही है। ऐसे में अब रियल एस्टेट में दोबारा बूम आने का रास्ता खुल चुका है।
Source: Quartz India