नई दिल्ली। भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह में 4.58 लाख करोड़ रुपए (67.46 अरब डॉलर) रहा है। यह समूचे वित्त वर्ष के घाटे के बजटीय अनुमान का 85.8 प्रतिशत है। पिछले साल की समान अवधि में राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 87 प्रतिशत था। इस लिहाज से वित्तीय स्थिति एक साल पहले की तुलना में बेहतर है।
- वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ माह में शुद्ध कर प्राप्तियां 6.21 लाख करोड़ रुपए की रही हैं।
- राजकोषीय घाटे का मतलब समूचे वित्त वर्ष के लिए व्यय व राजस्व का अंतर होता है।
- वित्त वर्ष 2016-17 में यह जीडीपी का 3.7 प्रतिशत या 5.33 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है।
- लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार कर राजसव 6.21 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के लिए बजटीय अनुमान का 59 प्रतिशत रहा।
- पहले आठ महीने में सरकार को राजस्व व गैर ऋण पूंजी के रूप में 7.96 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति रही, जो कि बजटीय अनुमान का 57.8 प्रतिशत है।
- आलोच्य अवधि में सरकार का योजना व्यय 3.64 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान का 66.2 प्रतिशत रहा।
- वहीं गैर आयोजना व्यय अप्रैल-नवंबर 2016-17 में 9.22 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के अनुमान का 64.6 प्रतिशत रहा।