Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर में रहा 4.58 लाख करोड़ रुपए, पूरे साल के लक्ष्‍य का है 86 प्रतिशत

भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर में रहा 4.58 लाख करोड़ रुपए, पूरे साल के लक्ष्‍य का है 86 प्रतिशत

राजकोषीय घाटा चालू वित्‍त वर्ष के पहले आठ माह में 4.58 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह समूचे वित्‍त वर्ष के घाटे के बजटीय अनुमान का 85.8 प्रतिशत है।

Abhishek Shrivastava
Published : December 30, 2016 19:17 IST
भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर में रहा 4.58 लाख करोड़ रुपए, पूरे साल के लक्ष्‍य का है 86 प्रतिशत
भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर में रहा 4.58 लाख करोड़ रुपए, पूरे साल के लक्ष्‍य का है 86 प्रतिशत

नई दिल्‍ली। भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्‍त वर्ष के पहले आठ माह में 4.58 लाख करोड़ रुपए (67.46 अरब डॉलर) रहा है। यह समूचे वित्‍त वर्ष के घाटे के बजटीय अनुमान का 85.8 प्रतिशत है। पिछले साल की समान अवधि में राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्‍य का 87 प्रतिशत था। इस लिहाज से वित्‍तीय स्थिति एक साल पहले की तुलना में बेहतर है।

  • वित्‍त वर्ष 2016-17 के पहले आठ माह में शुद्ध कर प्राप्तियां 6.21 लाख करोड़ रुपए की रही हैं।
  • राजकोषीय घाटे का मतलब समूचे वित्त वर्ष के लिए व्यय व राजस्व का अंतर होता है।
  • वित्त वर्ष 2016-17 में यह जीडीपी का 3.7 प्रतिशत या 5.33 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है।
  • लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार कर राजसव 6.21 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के लिए बजटीय अनुमान का 59 प्रतिशत रहा।
  • पहले आठ महीने में सरकार को राजस्व व गैर ऋण पूंजी के रूप में 7.96 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति रही, जो कि बजटीय अनुमान का 57.8 प्रतिशत है।
  • आलोच्य अवधि में सरकार का योजना व्यय 3.64 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान का 66.2 प्रतिशत रहा।
  • वहीं गैर आयोजना व्यय अप्रैल-नवंबर 2016-17 में 9.22 लाख करोड़ रुपए या समूचे वित्त वर्ष के अनुमान का 64.6 प्रतिशत रहा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement