भारत में, जहां तकरीबन आधी जनसंख्या के पास बैंक खाते नहीं हैं और उनकी पहुंच क्रेडिट कार्ड जैसे फाइनेंशियल टूल तक नहीं है, वर्तमान में डिजिटल पेमेंट का बाजार तकरीबन 40 से 50 अरब डॉलर के बीच है।
गूगल के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर (साउथ ईस्ट एशिया और इंडिया) राजन आनंदन का कहना है कि
बढ़ते स्मार्टफोन के उपयोग और प्रगतिशील रेगूलेटरी पॉलिसी के समर्थन से डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री एक मोड़ बिंदु पर है। यह हमें बताती है कि भारत के आधे से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग करेंगे।
गूगल-बीसीजी की यह रिपोर्ट निल्सन द्वारा किए गए एक रिसर्च पर आधारित है, जिसमें भारत के नौ शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लुधियाना, लखनऊ, इंदौर, सूरत, विशाखापट्नम और कोयंबटूर के 3500 लोगों के बीच सर्वे किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग करने वाले 81 फीसदी यूजर्स कोई भी नॉन-कैश पेमेंट्स मैथड की जगह इसको प्राथमिकता देते हैं। भारत में डिजिटल पेमेंट्स का आमतौर पर उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग, यूटीलिटी बिल के भुगतान और मूवी टिकट खरीदने में किया जा रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुविधा सबसे बड़ी वजह है, जिसकी वजह से भारतीय ग्राहक डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में अन्य कई कारणों का उल्लेख भी किया गया है, जिनकी वजह से कुछ भारतीय ग्राहक डिजिटल पेमेंट्स को अपना रहे हैं और कुछ नहीं:
90 फीसदी भारतीय ग्राहक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग करते हैं, और 60 फीसदी से ज्यादा लोग ऑफलाइन प्वाइंट्स ऑफ सेल जैसे रेस्टॉरेंट, ट्रांसपोर्ट आदि में इसका उपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रो-ट्रांजैक्शन का इस इंडस्ट्री में बड़ा योगदान है। 50 फीसदी से ज्यादा पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन 100 रुपए के भीतर है।
रिपोर्ट में ऐसी कई अड़चनों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें डिजिटल पेमेंट्स ईकोसिस्टम को पार करना जरूरी है। रिसर्च के दौरान तकरीन 2 में से एक नॉन यूजर्स ने कहा कि उनके लिए इसे समझना बहुत ही जटिल था। वहीं दूसरी ओर, 61 नॉन-यूजर्स मर्चेंट्स ने डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग जटिल बताया। इसके अतिरिक्त पूरी दुनिया में डिजिटल पेमेंट्स मेथड की बढ़ती स्वीकार्यता के बीच मर्चेंट्स की चिंता पीक समय में ट्रांजैक्शन की स्पीड को लेकर है।