नई दिल्ली। दुबई सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 की पहली छमाही में रियल एस्टेट में निवेश के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं। जनवरी-जून 2015 के दौरान भारतीयों ने 2 अरब डॉलर मूल्य के कुल 3,017 ट्रांजैक्शन किए हैं। सूमांसा एग्जिबिशन के प्रेसिडेंट सुनील जैसवाल ने बताया कि दुबई सरकार के आंकड़ों के मुताबिक फॉरेन प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट चार्ट में भारतीय टॉप पर हैं। पिछले कई सालों से भारतीय इस चार्ट में टॉप पर बने हुए हैं।
सूमांसा एग्जिबिशन प्रॉपर्टी एक्सपो आयोजित करती है। कंपनी 6 से 8 नवंबर को भारत में दुबई प्रॉपर्टी शो का अयोजन करने जा रही है। जैसवाल ने बताया कि दुबई रियल एस्टेट खरीदारों को उनके बजट और प्राथमिकला के आधार पर कई विकल्प उपलब्ध कराता है और यही वजह है कि हर साल भारतीय ग्राहकों की संख्या दुबई में लगातार बढ़ रही है।
ताजा ट्रेंड के मुताबिक डाउनटाउन दुबई, दुबई मरीना, जुमेराह लेक टॉवर्स और दि पाम क्षेत्र में प्रॉपर्टी की खरीदारी बढ़ी है। यहां खरीदारों को अच्छे रेंट और रीसेल वैल्यू की वजह से प्रॉपर्टी में निवेश करना फायदेमंद साबित हो रहा है।
भारतीय क्यों कर रहे हैं दुबई में निवेश
भारतीय दुबई में बहुत अधिक निवेश कर रहे हैं। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं। पहला, भारत में कुछ मेट्रोपोलिटन शहरों की तुलना में दुबई में प्रॉपर्टी के रेट कम हैं। दूसरा, संतुलित रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए विदेशी मार्केट में संभावनाओं को तलाशने के प्रति बढ़ी रुचि। तीसरा, हाल ही में आरबीआई द्वारा विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए 250,000 डॉलर को बिना किसी मंजूरी के निवेश की अनुमति देना।
रेंटल इनकम पर टैक्स नहीं
बिजनेस और घूमने के लिए दुबई में आना बहुत ही आसान और मुश्किल रहित है। यहां रेंटल इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। इसका मतलब है कि निवेशकों को रेंट से होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता और उनका मुनाफा ज्यादा बढ़ जाता है। यह एक सबसे बड़ी वजह है कि भारतीय निवेशक दुबई के प्रॉपर्टी बाजार की तरफ इतना अधिक आकर्षित हो रहे हैं।
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