नई दिल्ली। सोने के प्रति भारतीय महिलाओं का प्यार जगजाहिर है। हालांकि आपको शायद ही य़े पता होगा कि इसी प्यार की वजह से भारतीय महिलाओं के पास दुनिया की सबसे बड़ी सोने की होल्डिंग हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट की माने तो दुनिया के बड़े बड़े देशों के सेंट्रल बैंक के पास रखा सोना भारतीय महिलाओं के पास रखे सोने के सामने कहीं नहीं ठहरता है। वहीं अगर सिर्फ भारत की बात करें तो रिजर्व बैंक और दूसरे अन्य बैंक अपना गोल्ड रिजर्व मिला दें तो भी वो भारतीय महिलाओं के पास रखे सोने का 5 प्रतिशत भी नहीं हैं।
दुनिया का 11% सोना भारतीय महिलाओं के पास
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय महिलाओं के पास दुनिया में अब तक निकाले गये सोने का 11 प्रतिशत हिस्सा है। 2020 के लिये आंकड़ों के मुताबिक भारतीय महिलाएं फिलहाल 21733 टन सोने का मालिकाना हक रखती हैं। वहीं अब तक दुनिया में से 197576 टन सोना खदानों से निकाला जा चुका है। यानि हर 100 टन सोने में से 11 टन भारतीय महिलाओं के पास है। अगर हम इसकी तुलना दुनिया भर के सेंट्रल बैंक के पास रखे गोल्ड रिजर्व से करें तो कोई भी देश अकेला भारतीय महिलाओं को चुनौती नहीं दे सकता। यहां तक कि अगर उन्हें मुकाबले में उतरना हो तो अमेरिका, जर्मनी , इटली, फ्रांस, रुस, चीन और खुद भारत को अपने सभी सरकारी बैंकों के सोने के साथ मैदान में आना होगा हालांकि इसके बावजूद वो भारतीय महिलाओं को पार नहीं कर सकेंगे। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक स्थिति कुछ इस तरह होगी।
सोना (टन) | देश (सेंट्रल बैंक) | सोना (टन) | |
भारतीय महिलाएं | 21733 | यूएसए | 8133 |
जर्मनी | 3362 | ||
इटली | 2451 | ||
फ्रांस | 2436 | ||
रूस | 2298 | ||
चीन | 1948 | ||
सिंगापुर | 127 | ||
भारत | 976 | ||
कुल | 21733 | 21731 |
क्यों है सोना भारतीय महिलाओं की पसंद
जानकारों की माने तो सोने की स्वीकार्यता हर जगह होने के कारण, इसे मुश्किल के वक्त में काम आने वाला निवेश माना जाता रहा है। यही वजह है कि सोने को परंपराओं से जोड़ दिया गया, जिससे आम परिवार समय के साथ साथ जरूरी सोना जमा कर सके। इसके साथ ही इसकी चमक और आभूषणों में गढ़ने की क्षमता से दूसरे निवेश के मुकाबले ये ज्यादा आकर्षक भी है। समय के साथ साथ निवेश के अन्य विकल्प आने के बावजूद सोने को कैश कराने में आसानी, समय के साथ साथ मूल्य में बढ़ोतरी. लंबे समय तक बने रहने की क्षमता, शादियों और परंपराओं से सीधा जुड़ाव और आकर्षक गहनों या आकारों में आसानी से ढाले जाने की क्षमता के कारण सोना आज भी भारतीय परिवारों की बचत या खर्च का अनिवार्य अंग हैं। यही वजह है कि कई सौ सालों से सोने को जोड़ने की इसी आदत की वजह से भारतीय महिलाओं के सामने दिग्गज अर्थव्यवस्थाएं भी छोटी दिख रही हैं।