नई दिल्ली। भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 के पांच साल के दौरान अमेरिका को कुल 22.5 अरब डॉलर की राशि टैक्स के रूप में दी है। संसद में सोमवार को बताया गया कि वित्त वर्ष 2010-11 से लेकर 2012-13 के दौरान भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों ने अमेरिका में 2 अरब डॉलर का निवेश भी किया है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 2011-13 के दौरान अमेरिका में 2 अरब डॉलर का निवेश किया है, जबकि वित्त वर्ष 2011-15 के दौरान इन कंपनियों ने 22.5 अरब डॉलर का भुगतान टैक्स के रूप में किया है। इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान अमेरिका में 4,11,000 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है।
भारतीय आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम द्वारा प्रकाशित कंट्रीब्यूशन ऑफ इंडियास टेक इंडस्ट्री टू द यूएस इकोनॉमी नामक रिपोर्ट का हवाला देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वाबजूद इसके अमेरिकी सरकार ने वीजा फीस में बढ़ोत्तरी की है, जिसका भारतीय आईटी इंडस्ट्री पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। अगले साल एक अप्रैल से सभी भारतीय आईटी कंपनियों को प्रत्येक एच1बी वीजा के लिए 8000 से 10,000 डॉलर के बीच शुल्क का भुगतान करना होगा।
कंसोलीडेटेड एप्रोप्रिएशन एक्ट 2016 में भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वीजा फीस 4000 डॉलर तक बढ़ाई गई है। इस एक्ट पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा पिछले दस सालों में एच1बी वीजा आवेदन पर लगाए गए अन्य शुल्कों की वजह से एक अप्रैल 2016 से इसका शुल्क दोगुना हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि ए1बी वीजा आवेदन का मूल शुल्क 325 डॉलर है। ओबामा द्वारा हस्ताक्षर किए गए नए कानून के मुताबिक उन कंपनियों को जिनके पास 50 से अधिक कर्मचारी है और जिनमें 50 फीसदी से अधिक के पास एच1बी या एल1 वीजा है, उन्हें प्रति एच1बी वीजा के लिए अतिरिक्त 4000 डॉलर का भुगतान करना होगा। एल1 वीजा के मामले में यह शुल्क 4500 डॉलर है। इसके अलावा 1225 डॉलर प्रीमियम प्रोसेसिंग शुल्क भी देना होगा। इन सबके अलावा अधिकांश भारतीय कंपनियों को 1000 से 2000 डॉलर के बीच एच1बी वीजा आवेदन शुल्क के लिए अटॉर्नी फीस भी देनी होगी। एच1बी वीजा आवेदन शुल्क नॉन-रिफंडेबल है। इतना ही नहीं एच1बी और एल1 वीजा के साथ अमेरिका आने वाली प्रत्येक भारतीय कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर के लिए भी भुगतान करना होगा।