गुवाहटी: निर्यात में सुस्ती का सामना कर रहे भारतीय चाय उद्योग का निर्यात 2021 में तीन से चार करोड़ किलो घट सकता है। इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में कम लागत वाली चाय के किस्मों की उपलब्धता और मजबूत आयातक रहे देशों में व्यापार पर जारी प्रतिबंध है। चाय उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व के ज्यादातर देशों में आर्थिक मंदी होने की वजह से निर्यात पर असर पड़ा है।चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च, 2021 में चाय का निर्यात जनवरी-मार्च,2020 की तुलना में 13.23 प्रतिशत और 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 29.03 प्रतिशत कम रहा।
बॉर्ड ने कहा कि 2021 के पहले तीन महीनों में भारतीय चाय का निर्यात कुल मिलाकर 4.86 करोड़ किलोग्राम रहा। जो वर्ष 2020 की इसी अवधि में 5.85 करोड़ किलो और 2019 में 6.62 करोड़ किलो था। वही पिछले तीन वर्षों के दौरान दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत के राज्यों का चाय निर्यात अधिक अनुपात में घटा। बोर्ड़ के अनुसार जनवरी-अप्रैल, 2021 के दौरान उत्तर भारतीय राज्यों का निर्यात इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 17.83 प्रतिशत और 2019 की समान अवधि की तुलना में 31.04 प्रतिशत गिर गया।
गुवाहाटी टी ऑक्शन बायर्स एसोसिएशन के सचिव दिनेश बिहानी ने कहा, ‘केन्या द्वारा नीलाम की जाने वाली चाय का दाम दो अमेरिकी डॉलर प्रति किलो से कम है जो हमारे यहां की नीलामी के औसत भाव से भी कम है।’ उन्होंने कहा कि केन्या की चाय 1.8 अमेरिका डॉलर में उपलब्ध है जो औसतन 130-135 रुपये किलो पड़ती है। वही भारतीय चाय का औसत दाम 200 से 210 रुपये प्रति किलो के करीब है। एक अन्य चाय उद्योग ने कहा कि केन्या और श्रीलंका में घरेलू चाय खपत की मांग बहुत कम है। जिससे उनके पास निर्यात के लिए अधिक चाय उपलब्ध है। वही चाय बोर्ड द्वारा प्रकाशित 2018 'चाय की घरेलू खपत पर अध्ययन के कार्यकारी सारांश' के अनुसार भारत में उत्पादित चाय का लगभग 80 प्रतिशत घरेलू खपत के लिए बेचा जाता है।