वॉशिंगटन। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है। 2014-15 शैक्षणिक सत्र में 132,888 भारतीय स्टूडेंट्स अमेरिका में अध्ययनरत हैं, जो शैक्षणिक फीस और अन्य खर्चों से यूएस इकोनॉमी में 3.6 अरब डॉलर का योगदान दे रहे हैं। भारत से अमेरिका जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में इस साल 29.4 फीसदी का उछाल आया है। इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज पर तैयार 2015 ओपन डोर्स रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में विदेशी छात्रों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। यहां कुल अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स में भारत की हिस्सेदारी 13.6 फीसदी है।
यह रिपोर्ट हर साल जारी की जाती है। यह रिपोर्ट सोमवार को स्टेट डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स की मदद से इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन ने जारी किया है। इस रिपोर्ट में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स के हवाले से कहा गया है कि 50 देशों से आए अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स ने 2014 के दौरान यूएस इकोनॉमी में कुल 30 अरब डॉलर का योगदान दिया है, जिसमें से भारत की हिस्सेदारी 3.6 अरब डॉलर की है। इस मामले में चीन पहले स्थान पर है। अमेरिका में चीनी स्टूडेंट्स की संख्या भारत से लगभग दोगुनी है। लेकिन भारत की ग्रोथ रेट चीन की 11 फीसदी की तुलना में कही ज्यादा है। यह दूसरा साल है, जब भारत से अमेरिका जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है।
अमेरिका में कुल अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स में भारत, चीन और ब्राजील की संख्या सबसे ज्यादा है। 2014-15 शैक्षणिक सत्र में इन तीनों देशों के स्टूडेंट्स की संख्या 10 फीसदी बढ़कर 974,926 हो गई है। स्टेट फॉर एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स के असिस्टेंट सेक्रेटरी ईवान रेयान ने कहा कि हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि बहुत अधिक स्टूडेंट्स इंटरनेशनल एजुकेशन अवसर का फायदा उठा रहे हैं। 1999-2000 से लेकर 2014-15 में अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या दोगुनी हो गई है।