वाशिंगटन। भारत सरकार द्वारा बीमा पूल समेत जो कदम उठाए गए हैं उनसे काफी हद तक अमेरिकी परमाणु इंडस्ट्री की चिंता को दूर करने में मदद मिली है। बराक ओबामा प्रशासन ने सांसदों से यह बात कही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने सीनेट की विदेशी संबंध समिति से कहा, हमारा मानना है कि भारत ने जो कदम उठाए हैं उनसे काफी हद तक अमेरिकी परमाणु इंडस्ट्री की बड़ी चिंता को दूर करने में मदद मिली है। अब व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं जताने का काम अमेरिकी कंपनियों को करना है।
बिस्वाल ने सीनेटर बॉब कॉर्कर के सवाल के जवाब में कहा, मेरा मानना है कि यह प्रत्येक कंपनी के लिए भिन्न होगा। कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो आक्रामक तरीके से वाणिज्यिक सौदे हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है और इसके काफी करीब पहुंच चुकी हैं। वहीं कुछ अन्य कंपनियां हैं जिनकी जोखिम को लेकर कुछ अलग सोच है और वे सतर्कता से आगे बढ़ रही हैं।
कॉर्कर ने इस बात पर खेद जताया कि भारत द्वारा अमेरिकी कंपनियों को अनुबंध जारी करने की गति काफी धीमी है। बिस्वाल ने कहा कि अब अलग-अलग कंपनियों को खुद आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्धता जतानी होगी।