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No Bubble: 2015 में निवेशकों ने की भारतीय स्टार्टअप पर जमकर पैसों की बारिश, ओला निवेशकों की पहली पसंद

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत पर सावल उठाते हुए एक्सपर्ट 2015 में स्लोडाउन का अनुमान लगा रहे थे। इसके बावजूद निवेशकों ने पैसे दिए हैं।

Dharmender Chaudhary
Updated : December 28, 2015 7:46 IST
No Bubble: 2015 में निवेशकों ने की भारतीय स्टार्टअप पर जमकर पैसों की बारिश, ओला निवेशकों की पहली पसंद
No Bubble: 2015 में निवेशकों ने की भारतीय स्टार्टअप पर जमकर पैसों की बारिश, ओला निवेशकों की पहली पसंद

नई दिल्ली। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत पर सावल उठाते हुए एक्सपर्ट 2015 में स्लोडाउन का अनुमान लगा रहे थे। उनका मानना था कि इस साल इन्वेस्टर्स पैसा देते वक्त स्टार्टअप से कठिन सवाल पूछेंगे। लेकिन, भारतीय स्टार्टअप  ने सभी एक्सपर्ट्स को गलत साबित कर दिया है। 2015 के दौरान टेक्नोलॉजी स्टार्टअप ने 7 अरब डॉलर (46,199 करोड़) की प्राइवेट फंडिंग जुटाई है। स्टार्टअप ट्रैकर, ट्रैक्सन के मुताबिक यह राशि पिछले साल के मुकाबले करीब 40 फीसदी अधिक है। 2014 में स्टार्टअप ने 5.4 अरब डॉलर (33,263 करोड़) जुटाए थे।

निवेशकों को भारत के यूजर बेस पर भरोसा 

स्टार्टअप के हाई वैल्यूएशन और बिजनेस मॉडल पर उठे सवालों के बावजूद इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशक पैसा लगाते रहेंगे। इसकी प्रमुख वजह FOMO यानी “फियर ऑफ मिसिंग आउट” है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत का इंटरनेट यूजर बेस और मध्यम वर्ग की बढ़ती परचेजिंग पावर दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित कर रही है। इसे देखते हुए कोई भी इन्वेस्टर और आंत्रप्रेन्योर अरबों डॉलर के कारोबार को अपने हाथों से निकलने नहीं देना चाहते हैं।

भारतीय स्टार्टअप में निवेश करने वाली टॉप पांच कंपनियां

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भारतीय स्टार्टअप में 2015 के दौरान कोई गिरावट नहीं देखने को मिली है। बल्कि कंपनियों का वैल्यूएशन बढ़ा है। उदाहरण के लिए 2014 में जब फ्लिपकार्ट को आखिरी बार फंडिंग मिली थी उस वक्त कंपनी की वैल्यूएशन 11 अरब डॉलर थी, जो अब 15 अरब डॉलर हो गई है। वहीं, स्नैपडील 5 अरब डॉलर की कंपनी बन गई है।

2015 के आखिरी छह महीने में स्टार्टअप पर हुई पैसों की बारिश

ट्रैक्सन. के अनुसार जनवरी से जून के दौरान 341 बार फंडिंग में भारतीय स्टार्टअप ने 3.17 अरब डॉलर जुटाए। वहीं, जुलाई और 15 दिसम्बर के बीच 448 राउंड्स में निवेशकों ने 4.05 अरब डॉलर का निवेश किया है। 2015 की पहली छमाही के दौरान सबसे ज्यादा पैसे क्विकर (15 करोड़ डॉलर) और रेस्टोरेंट डिस्कवरी पोर्टल जोमाटो (6 करोड़ डॉलर) ने जुटाए हैं। दूसरी छमाही में फ्लिपकार्ट ने (70 करोड़ डॉलर), सावन और पेपरफ्राय ने 10 करोड़ डॉलर निवेशकों से लिए हैं। ओला ने इस साल अप्रैल और सितंबर दो बार पैसे जुटाए।

किस महीने में स्टार्टअप ने जुटाए कितने पैसे

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ओला ने जुटाए सबसे ज्यादा पैसे

पिछले साल 2 अरब डॉलर के साथ फ्लिपकार्ट ने सबसे ज्यादा पैसे जुटाए थे। लेकिन इस साल प्राइवेट ट्रांसपोर्टेशन स्टार्टअप ओला ने बाजी मार ली है। इस साल निवेशकों ने ओला में 9 अरब डॉलर निवेश किया है। इसके अलावा ऐप के जरिये टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी उबेर के बढ़ते कारोबार को रोकने के लिए दुनियाभर की अन्‍य बड़ी कंपनियों ने एक नई रणनीति बनाई है। इस नई रणनीति के तहत भारत की सबसे बड़ी टैक्सी ऐप कंपनी ओला, चीन की दीदी क्‍वेदी, अमेरिका की लिफ्ट और मलेशिया की ग्रेब टैक्सी ने आपसी गठजोड़ किया है।

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बड़े स्टार्टअप के नाम रहेगा 2016

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2016 बड़े स्टार्टअप के लिए अच्छा नजर आ रहा है, लेकिन छोटे और मीडियम साइज की कंपनियों के लिए पैसा जुटाना आसान नहीं होगा। एवेरेस्ट ग्रुप के प्रैक्टिस हेड युगल जोशी ने कहा कि बड़े स्टार्टअप में पैसा लगाना व्यवहारिक नजर आ रहा है। इसके कारण निवेशक बड़े स्टार्टअप में ही पैसा लगाना चाहते हैं। ऐसे में छोटे स्टार्टअप के लिए पैसा जुटाना मुश्किल नजर आ रहा है।

Source: Quartz India

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