नई दिल्ली। ऐसे समय में जब दुनिया की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में मंदी छाई है, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती का रुख है और यहां दीर्घकालिक विकास की संभावना दिख रही है। यही कारण है कि भारतीय शेयर बाजार दिन-ब-दिन नई ऊंचाइयां छू रहा है और जल्द ही (इसी साल) यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन जाएगा। एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। 'सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट रिपोर्ट' में कहा गया है कि भारत 2018 में चीन को पीछे छोड़कर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी और भारतीय शेयर बाजार दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी से मिलने वाला संभावित रिटर्न 6-8 फीसदी से काफी अधिक है, जिससे एक निश्चित आय की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, महंगाई या ब्याज दरों में वृद्धि होती है तो बाजार अपनी तेजी बरकरार नहीं रख पाएगा। साथ ही कंपनियों के सुस्त नतीजे भी बाजार के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मध्यावधि में निफ्टी 11,200 से लेकर 11,500 अंकों तक की ऊंचाई तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को अन्य उभरते बाजारों में आई सुस्ती का भी लाभ मिलेगा। खासकर चीन में वृद्धि दर की तेजी कम हो गई है। 2017 में देश का घरेलू म्यूचुअल फंड का बाजार 15.3 अरब डॉलर रहा, जबकि विदेशी निवेशकों द्वारा कुल 8 अरब डॉलर के म्यूचुअल फंड खरीदे गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की आधार, जन-धन योजना के साथ ही नोटबंदी और जीएसटी जैसे पहलों के कारण शेयर बाजार तेजी से आगे बढ़ेगा, क्योंकि अनौपचारिक क्षेत्र तेजी से औपचारिक क्षेत्र से जुड़ रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2018 में 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। सोमवार को जारी अपनी नवीनतम 'वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2018' रिपोर्ट में आईएमएफ ने यह अनुमान जाहिर किया है।
इससे पहले विश्व बैंक ने चालू वित्त में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था, जोकि भारत सरकार के आधिकारिक अनुमान 6.5 फीसदी से भी अधिक है।