नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रेलवे ने अबतक की सबसे लम्बी ट्रेन चला डाली है। इस ट्रेन में 295 डब्बे और 5 इंजल लगे हुए थे। रेलवे मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेल द्वारा नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 295 वैगन और 5 इंजन वाली, 3.5 किलोमीटर लंबी 'वासुकी ट्रेन' का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया। कम समय, कम लागत, अधिक सुविधायें और बेहतर सुरक्षा के कारण भारतीय रेल देश में माल ढुलाई का पसंदीदा साधन बनती जा रही है। यह जानकारी भारतीय रेलवे ने दी है।
भारतीय रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया कि 'वासुकी' ने छत्तीसगढ़ के भिलाई से कोबरा तक सफलतापूर्वक संचालन पूरा किया है। रेलवे ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें जानकारी दी गई कि इस ट्रेन में पांच इंजन लगाए गए है। इन पांचों इंजन के बेहतर तालमेल के लिए इनको इलेक्ट्रानिक सिग्नल से जोड़ा गया। रेलवे के इस प्रयास से कम समय में अधिक औद्योगिक उत्पादों को पहुंचाना आसान हो जाएगा।
भगवान शिव के परम भक्त थे वासुकी
वासुकी भगवान शिव के परम भक्त थे। माना जाता है कि नाग प्रजाति के लोगों ने ही सबसे पहले शिवलिंग की पूजा का प्रचलन शुरू किया था। नागराज वासुकी को नागलोक का राजा माना गया है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग को ही रस्सी के रूप में मेरु पर्वत के चारों ओर लपेटकर मंथन किया गया था।
रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1.10 लाख करोड़ रुपएरेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की गई है, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी। सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है। इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारों (ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी) जून, 2022 तक चालू हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भी कुछ पहल प्रस्तावित हैं। ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा। साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं - खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी। सीतारमण ने कहा कि पहले चरण के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी। उन्होंने यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा।