पटना। बिहार से खुलने वाली ट्रेनों में बिहार के खास व्यंजनों की कमी महसूस करने की बातें अब पुराने दिन की बातें होने वाली हैं। इन ट्रेनों में यात्री अब बिहार के खास व्यंजनों का लुफ्त उठा सकेंगे। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने बिहार से खुलने वाली लंबी दूरी की तमाम ट्रेनों में स्थानीय स्तर पर प्रचलित भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। यही नहीं, अब पेंट्री कार के वेटर भी 'गुड मॉर्निग' और 'हेलो-हाय' कहकर आपका अभिवादन करेंगे।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि आईआरसीटीसी ने उत्तर बिहार की ओर से खुलने वाली ट्रेनों में सुबह के नाश्ते में चूड़ा-दही उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जबकि मध्य बिहार और दक्षिण बिहार के क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों में लिट्टी-चोखा और मांसाहारी खानों में देहाती चिकेन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि बिहारी व्यंजनों की ब्रांडिंग करने के लिए ट्रेनों में यहां के प्रसिद्ध व्यंजनों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय द्वारा पटना कार्यालय को भेजी गई सूची की जिम्मेवारी होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) को दिया गया है, जो इन व्यंजनों को खास तरीके से यात्रियों को परोसने को लेकर अध्ययन कर रही है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की ट्रेनों में इडली, डोसा और पश्चिम भारत से खुलने वाली ट्रेनों में भी स्थानीय व्यंजन यात्रियों को परोसे जाते हैं।
कुमार कहते हैं, "बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के स्टेशनों से खुलने वाली ट्रेनों में यात्रियों के लिए चूड़ा-दही का विकल्प होगा। यात्री लिट्टी-चोखा और घुघनी का भी स्वाद चख सकेंगे। यात्री लिट्टी के साथ देहाती चिकेन, दालपूड़ी के साथ सब्जी, चूड़ा और मूंग घुघनी, सत्तू पराठा के साथ दही व अचार का भी आंनद ले सकेंगे।"
उन्होंने बताया कि शनिवार को खिचड़ी के साथ दही और पापड़ का विकल्प मौजूद रहेगा। कुमार ने कहा कि यात्रियों की यह शिकायत रहती थी कि घर जैसे खाने (स्थानीय) ट्रेनों में उपलब्ध नहीं होते। यात्रियों की इसी शिकायत को दूर करने के लिए रेलवे ने यह योजना बनाई है। इधर, यात्री भी रेलवे की इस योजना से खुश हैं।
आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कहते हैं कि ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर खानपान की सुविधा मिले, इसका खास ध्यान रखा जा रहा है। अब पेंट्रीकारों के वेंडरों और वेटरों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पेंट्रीकार के वेंडरों और वेटरों के अपने कार्यो में प्रशिक्षित नहीं होने के कारण अक्सर यात्रियों के साथ झगड़ा होने की शिकायत मिलती रहती थी। यात्रियों की इन शिकायतों को दूर करने के लिए अब वेंडरों और वेटरों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दानापुर की एक संस्था द्वारा इन वेटरों को प्रशिक्षित किया जाएगा और फिर इन्हें आईआरसीटीसी की ओर से संचालित पेंट्रीकारों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। इससे ट्रेनों में यात्रियों को न केवल बेहतर माहौल मिल सकेगा, बल्कि यात्री यात्रा का लुत्फ भी उठा सकेंगे।