नई दिल्ली। देश में ग्रामीण और सुदूर इलाकों समेत लगभग सभी 8,500 रेलवे स्टेशनों पर 700 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से वाई-फाई सुविधा मुहैया कराई जाएगी। सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया पहल के हिस्से के रूप में रेलवे ने 216 बड़े स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा प्रारंभ कर दी है, जिससे करीब 70 लाख रेल यात्री मुफ्त इंटरनेट सुविधा पाने में सक्षम हो सकेंगे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिन-ब-दिन कार्यो के लिए इंटरनेट एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन चुका है और हम देश के सभी रेलवे स्टेशनों को यह सुविधा मुहैया कराने जा रहे हैं।
हाल ही में हुई एक बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया। योजना के अनुसार, प्रारंभ में 1,200 स्टेशनों की पहचान यात्रियों को सेवा मुहैया कराने के लिए की गई है। इसके अलावा 7,300 स्टेशनों को चिन्हित किया गया, जहां न केवल यात्रियों को बल्कि ग्रामीण और सुदूर इलाकों के स्थानीय लोगों को भी सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
ग्रामीण और सुदूर इलाकों में वाई-फाई सुविधा की पेशकश ग्रामीण भारत के डिजिटीकरण के तहत स्थानीय आबादी के बीच ई-शासन का प्रसार करने के लिए की जाएगी। ग्रामीण इलाकों के रेलवे स्टेशनों में वाई-फाई के साथ कियोस्क होंगे, जो डिजिटल बैंकिंग, आधार अपडेट, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र समेत सरकारी प्रमाण पत्र जारी करने, कर भरने और बिलों का भुगतान करने जैसी दूसरी सेवाएं देने वाले डिजिटल हॉट स्पॉट बनेंगे।
कियोस्क स्थानीय आबादी को ई-कॉमर्स पोर्टल्स से माल ऑर्डर और प्राप्त करने में भी सक्षम कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि स्थानीय आबादी के लिए स्टेशनों पर ये कियोस्क निजी भागीदारी के साथ संचलित किए जांएगे। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के हॉट स्पॉट को लगाने के लिए दूरसंचार मंत्रालय के साथ कार्य किया जा रहा है।
समयसीमा के तहत मार्च 2018 तक 600 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे ने मार्च 2019 तक सभी 8,500 स्टेशनों को कवर करने का मकसद रखा है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोगों को रेल वाई-फाई प्रणाली से जोड़ा जाए। इस प्रयोग के माध्यम से रेल उपयोगकर्ताओं को वाई-फाई ब्रॉडबैंड तक सक्षम बनाना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को लागू करने में सहायता करेगा।