नई दिल्ली। भारतीय रेलवे 1 जुलाई से आरक्षण संबंधित नए नियम को लागू करने जा रही है। नए नियम के तहत राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाई जाएगी। वहीं तत्काल टिकट का आरक्षण रद्द कराने पर आधा रिफंड मिल सकेगा। इसके अलावा क्षेत्री भाषाओं में भी टिकट मिलेंगे। सबसे बड़ा बदलाव महत्वपूर्ण ट्रेनों में वेटिंग टिकट को खत्म करना है। यात्रियों के फीडबैक के आधार पर नई सुविधाओं की शुरुआत की जा रही है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और उनकी बचत भी होगी।
तत्काल बुकिंग टिकट कैंसिल करना पर मिलेगा 50% रिफंड
एक जुलाई से तत्काल टिकट रद्द कराने पर 50 फीसदी किराए की रकम वापस मिलेगी। यानी अब पूरे पैसों का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। तत्काल टिकट की बुंकिग समय में भी बदलाव किया गया है। 1 जुलाई से एसी कोच के लिए तत्काल टिकट की बुकिंग के लिए सुबह 10 बजे से 11 बजे तक बुकिंग खिड़की खुली खुलेगी। इसके अलावा सुविधा ट्रेनों को रद्द कराने पर कोच के हिसाब से पैसे निर्धारित होंगे। इसमें अलग-अलग क्लास के लिए काटे जाने वाली रकम अलग-अलग होगी। एसी फर्स्ट और सेकंड एसी (2 टियर) का टिकट रद्द कराने पर 100 रुपए काटे जाएंगे। इसी तरह एसी थर्ड (3 टियर एसी) के लिए 90 रुपए और स्लीपर क्लास का टिकट रद्द कराने पर 6 0 रुपए काटे जाएंगे।
भारतीय रेल से जुड़े कुछ Facts
Indian Rail
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राजधानी और शताब्दी में बढ़ेंगे कोच
राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में सफर के लिए लोगों की भीड़ को देखते हुए इन ट्रेनों में यात्रियों को कंफर्म सीट उपलब्ध करवाने के लिए कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि लोगों को अधिक संख्या में कंफर्म टिकट मिल सके। इसके साथ ही राजधानी-शताब्दी में सफर करने वाले यात्रियों को पेपरलैस टिकटिंग की सुविधा दी जाएगी। यानी उनके दिए मोबाइल नंबर पर टिकट की सारी जानकारी उपलब्ध होगी। जो सफर के दौरान परिचय पत्र के साथ टीटीई को दिखानी होगी।
वेटिंग टिकट का सिस्टम बंद होगा
1 जुलाई से रेल यात्रियों को केवल कन्फर्म व आरएसी टिकट दिए जाएंगे। रेलवे की ओर से वेटिंग टिकट का सिस्टम बंद कर दिया जाएगा। यात्रियों को दूसरी ट्रेन में यात्रा का विकल्प दिया जाएगा ताकि यात्रियों को वेटिंग के इंतजार से छुटकारा मिल सके। वहीं तत्काल आरक्षण के नियमों में हुए बदलाव से फायदा मिलेगा। पहले तत्काल में टिकट लेने के लिए दो बार सोचना पड़ता था, नहीं कन्फर्म हुआ तो पूरे पैसे बेकार हो जाएंगे। अब कम से अब आधे पैसे तो वापस मिलेंगे। इसके अलावा अब टिकट अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में मिलेगी।