रेलवे बोर्ड के पास कुल पांच प्रस्ताव आए हैं जिसमें हर महीने एक फीसदी, एकमुश्त 10 फीसदी, फ्लेक्सी फेयर बंद करने, सेकंड क्लास को अलग रखने और थर्ड एसी को बख्शने का सुझाव है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस बात पर विचार किया जा रहा है कि एकमुश्त किराया बढ़ाने के बजाय यह नियम बना दिया जाए कि हर महीने किराए में एक फीसदी बढ़ोतरी होगी। इससे यात्रियों की जेब पर एक ही झटके में बोझ नहीं बढ़ेगा। वहीं एक सुझाव में कहा गया कि सभी तरह की ट्रेनों की सभी श्रेणियों में दस फीसदी किराया बढ़ा दिया जाए। रेलवे को अभी यात्री किराए से लगभग 45 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होती है। अगर दस फीसदी किराया बढ़ता है तो साढ़े चार हजार करोड़ की अतिरिक्त कमाई होगी।
एक प्रस्ताव फ्लेक्सी फेयर हटाने का भी है। हालांकि रेलवे को इससे सालाना लगभग छह सौ करोड़ का फायदा हो रहा है। लेकिन इस वजह से उसे नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह से हटाया या फिर उसे कम किया जा सकता है। दूसरी ओर एक प्रस्ताव यह भी है कि सेकंड क्लास के यात्रियों पर बोझ न डाला जाए। हालांकि रेलवे में एक राय यह भी है कि सेकंड क्लास में भले ही बेहद कम किराया बढ़ाया जाए लेकिन इसमें भी बढ़ोतरी होनी चाहिए।