नई दिल्ली: ई-मेल और SMS के इस दौर में डाक विभाग भी अब डाकघरों को उपग्रह आधारित स्वदेशी स्थान निर्धारण प्रणाली से जोड़कर और मोबाइएल एप के जरिये डाक पेटियों से चिट्ठियों की समयबद्ध निगरानी के माध्यम से हाई-टेक हो रहा है। अंतरिक्ष विभाग के साथ गठजोड़ कर डाक विभाग ने 1.5 लाख डाकघरों को इसरो द्वारा विकसित स्थान निर्धारण प्रणाली भुवन से जोड़ा है। इसका मकसद लोगों को समीप के डाकघरों को खोजने और सेवाओं एवं समय के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करना है।
भारतीय डाक के 1.55 लाख डाकघर हैं जिसमें से 1.39 लाख ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जल्दी ही शेष डाकघरों को भी स्थान निर्धारण प्रणाली भुवन से जोड़ा जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न सरकारी विभागों अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग के अभियान से जुड़ी है।
अधिकारी ने कहा, 1,50,000 से अधिक डाकघरों को भुवन से जोड़ा गया है और फोटोग्राफ, सेवाएं तथा कार्यालय का समय आदि समेत जीआईएस उपग्रह इमेजरी मैप पर उनका सही स्थान के बारे में जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है। इसरो द्वारा विकसित भुवन सार्वजनिक रूप से चित्रण सेवाएं तथा पृथ्वी पर्यवेक्षण आंकड़ा उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराता है।
पिछले दो साल में भारतीय डाक की अन्य उपलब्धियों के बारे में अधिकारी ने कहा कि 21,319 डाकघरों में कोर बैंकिंग सोल्यूशन (CBS) शुरू किया गया है। इससे 30 करोड़ डाकघर बचत बैंक खाते इसके दायरे में आ गये हैं। इसके अलावा 910 डाकघरों में ATM लगाये गये हैं। उसने कहा, 16 से अधिक शहरों में डाक पेटियों की समयबद्ध निगरानी के लिये मोबाइल एप का उपयोग किया जा रहा है।
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