नई दिल्ली। पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन (IOC) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 50 प्रतिशत बढ़कर 6,831 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी के पास पहले खरीदे गये तेल भंडार की वजह से उसे यह मुनाफा हुआ है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में शुद्ध लाभ 4,549 करोड़ रुपए रहा था।
पहले से खरीदे कच्चे तेल से हुआ लाभ
IOC ने कहा कि मुख्य रूप से उसके पास उपलब्ध भंडार के कारण कंपनी को आलोच्य तिमाही में 7,866 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। इससे रिफाइनिंग मार्जिन कम होने तथा मुद्रा की विनिमय दर से हुये नुकसान की भरपाई हुई। पहले के भंडार का लाभ तब होता है कंपनी कच्चा तेल खास कीमत पर खरीदती है और इसे रिफाइनरी में ले जाने तथा ईंधन में बदलने के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ जाते हैं।
कंपनी की परिचाल आय भी बढ़ी
कंपनी की परिचालन आय या कारोबार 2018-19 की पहली तिमाही में 1,49,747 करोड़ रुपए रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,28,183 करोड़ रुपए थी। आईओसी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन पहली तिमाही में 5.18 डालर प्रति बैरल रहा जो पिछले पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में 6.44 डालर प्रति बैरल था।
इंडियन ऑयल ने की ज्यादा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री
कंपनी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि आलोच्य अवधि में कंपनी ने दो करोड 16 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री की जो कि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 4.3 प्रतिशत अधिक रहा। कंपनी की रिफाइनरियों ने इस दौरान एक करोड 76 लाख टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया जो कि पिछले साल की पहली तिमाही में एक करोड 75 लाख टन के मुकाबले मामूली ज्यादा रहा।
पाइपलाइन में इस दौरान दो करोड़ 28 लाख टन तेल का प्रवाह हुआ जो कि सात प्रतिशत अधिक रहा। कंपनी ने कहा कि 30 जून की समाप्ति पर उसका शुद्ध ऋण 44,797 करोड़ रुपए रहा और इस लिहाज से उसका ऋण- इक्विटी अनुपात 0.39:1 रहा। वर्ष की पहली तिमाही में उसका पूंजी व्यय 5,852 करोड़ रुपए रहा। पूरे वर्ष के लिये पूंजी व्यय का लक्ष्य 22,862 करोड़ रुपए रखा गया है।