नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का विमान ईंधन कारोबार 60 प्रतिशत तक उबर चुका है। इसके साथ ही घरेलू क्षेत्र की बिक्री के इस साल मार्च तक पूरी क्षमता हासिल कर लेने की उम्मीद है। इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लॉकडाउन लगाये जाने के बाद विमानन ईंधन की बिक्री ठप्प हो गयी थी। हालांकि, 25 मई 2020 से धीरे-धीरे विमानन सेवाएं शुरू होने से मांग में सुधार की शुरुआत हुई। इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक (विमानन) संजय सहाय ने सोमवार को कहा, ‘‘अभी तक यह (विमान ईंधन कारोबार) 60 प्रतिशत तक उबर चुका है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के टीके से सकारात्मकता आयी है और इससे सुधार तेज होगा। दरअसल कोरोना वायरस के टीकाकरण में तेजी आने से विमानन कंपनियों को उम्मीद है कि उड़ानें सामान्य स्तर पर पहुंच जाएंगी।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मार्च के अंत तक घरेलू क्षेत्र पूरी तरह से ठीक हो जायेगा। हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में थोड़ा और समय लग सकता है। सहाय ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी से पहले आईओसी की बिक्री 50 लाख मीट्रिक टन थी। हम बहुत तेजी से उबर रहे हैं। घरेलू एयरलाइंस बहुत अच्छा कर रही हैं। कई सारे नये विमानन मार्ग भी शुरू हुए हैं, जिनकी वजह से मांग में सुधार को सहारा मिला है। कोरोना संकट की वजह से जिन सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है उसमें एविएशन सेक्टर शामिल है। उडानों पर रोक लगने के बाद से एटीएफ की मांग अपने निचले स्तरों पर पहुंच गई। हालांकि अभी इसमें धीरे धीरे सुधार देखने को मिल रहा है।
नवंबर के आंकड़ों के मुताबिक विमान ईंधन एटीएफ की बिक्री नवंबर में पिछले साल के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत घटकर 3,72,000 टन रही है। इसकी वजह है कि अभी एयरलाइंस का परिचालन सामान्य नहीं हो पाया है। हालांकि, मासिक आधार पर एटीएफ की मांग में पांच प्रतिशत सुधार देखने को मिला है।