नई दिल्ली। दुनिया की नजरे इस समय चीन के मेगा प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड़ यानि OBOR पर है। लेकिन भारत लगातार इसका विरोध कर रहा है। इसलिए भारत सरकार ने OBOR के खिलाफ ने स्टैटजी तैयार की है। माना जा रहा है कि भारत एनर्जी डिप्लोमेसी के जरिए अपने पड़ोसियों को अपना बनाने की कोशिश कर रहा है।चीन OBOR पर करेगा 52 लाख करोड़ रुपए का बड़ा निवेश, इस पूरी योजना को ऐसे समझिए
क्या है भारत की नई योजना
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत मॉरिशस ही नहीं, इंडोनेशिया और चीन के अन्य पड़ोसी देशों के साथ ऊर्जा संबंधों को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटा है। इससे भारत पश्चिम की तरफ से किये जा रहे अवरोधों समाप्त करने में सक्षम हो सकेगा। भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सभी करीबी देशों को साध रहा है। इन देशों में मॉरिशस सबसे अहम है। भारत लंबे वक्त से मॉरिशस को पेट्रोलियम प्रोडक्ट की सप्लाई करता रहा है। मॉरिशस के साथ जुड़ने से भारत अपनी पकड़ अफ्रीकी देशों तक भी पहुंचा सकता है।
दुनियाभर में हाइड्रोकार्बन के बड़े स्त्रोतों में से एक इंडोनेशिया भी भारत के साथ इस मिशन में आ सकता है। भारत के इस मिशन के तहत फ्लोटिंग स्टोरेज और रीगैसिफिकेशन यूनिट्स बनाई जा रही हैं, ताकि इंडोनेशिया में स्थित हजारों आइलैंड्स में एनर्जी सप्लाई निर्बाध रूप से हो पाए. इसके तहत भारत इंडोनेशिया से गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली एलएनजी किट की सप्लाई बढ़ाने पर जोर दे रहा है। यह भी पढ़े: चीन को पछाड़ भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मार्केट, रोजाना बिके 48 हजार यूनिट
ईस्ट पॉलिसी के तहत उठाया कदम
चीन और म्यांमार के बीच हुई एक डील के कारण यहां की 80 फीसदी प्राकृतिक गैस चीन को मिलती है, हालांकि भारत असम से म्यांमार को डीजल की सप्लाई करता रहा है। अब भारत म्यांमार को साधने के लिए अपनी मदद बढ़ा सकता है। यह स्ट्रैटजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक बड़ा हिस्सा बताई जा रही है। जिस प्रकार पश्चिम में पाकिस्तान लगातार चीन के करीब जा रहा है, उसी की काट के लिए भारत पूर्व में मौजूद अपने पड़ोसियों को अपने साथ लाना चाहता है।यह भी पढ़े:तेजी से बढ़ते भारत के साथ प्रतिस्पर्धा को गंभीरता से ले चीन, नहीं तो भारत की सफलता देखता रह जाएगा
भारत के OBOR के बायकॉट से नाराज हुआ चीनी मीडिया
दक्षिण एशिया में सड़क मार्ग के जरिये अपना दबदबा बनाने के लिए चीन द्वारा शुरू किए गए बड़े प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड (OBOR ) पर भारत की आपत्ति जताने की चीनी मीडिया ने आलोचना की है। चीनी मीडिया ने भारत के इस रुख को खेदजनक बताया है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि चीन की हाई प्रोफाइल ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल में शामिल होने से भारत का इनकार ‘खेदजनक’ है लेकिन नई दिल्ली के बहिष्कार से ढांचागत विकास के लिए उसके पड़ोसी देशों के बीच सहयोग कतई प्रभावित नहीं होगा। दो दिवसीय ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ में पाकिस्तान समेत 29 देशों के नेता भाग ले रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले 50 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर संप्रभुता संबंधी चिंताओं के कारण इसका बहिष्कार किया है।यह भी पढ़े:भारत और चीन को लेकर रेटिंग एजेंसियों का दृष्टिकोण है अंसगत, सुब्रमण्यन ने की वैश्विक एजेंसियों की आलोचना