नई दिल्ली। भारत में इनिशियल पब्लिक ओफ्रिंग्स (आईपीओ) का बाजार फलफूल रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 के शुरूआती तीन महीने (अप्रैल-जून) के दौरान 6 कंपनियों ने 5,728 करोड़ रुपए (85 करोड़ डॉलर) जुटाए हैं। प्राइम डेटाबेस के अनुसार, यह पिछले नौ साल में पहली तिमाही में जुटाई गई सबसे बड़ी रकम है। इससे पहले 2007-08 की पहली तिमाही में 13,083 करोड़ रुपए आईपीओ से कंपनियों ने इकट्ठा किया था।
आईपीओ मार्केट में लौटी रौनक
बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इतनी बड़ी रकम जुटाने का मतलब है कि आईपीओ मार्केट पुनर्जीवित हो गया है। ग्लोबल स्तर पर बड़े इवेंट के बावजूद पिछले एक साल से ईक्विटी मार्केट में कोई खास एक्शन देखने को नहीं मिला है। पिछले साल अगस्त में चीन के बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। वहीं हाल ही में ब्रिटेन यूरो जोन से बाहर हो गया लेकिन बाजार पर कोई असर नहीं दिखा। इसलिए निवेशकों की डिमांड में कोई कमी नहीं आई है। प्राइम के एमडी ने 4 जुलाई को कहा कि पिछले कई वर्षों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आईपीओ मार्केट को पुनर्जीवन मिला है।
2012 की पहली तिमाही से अब तक का प्रदर्शन
इन कंपनियों का आईपीओ हुआ हिट
वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान आईपीओ से सबसे अधिक 2,177 करोड़ रुपए ज्यादा पैसा माइक्रोफाइनांस कंपनी इक्विटास ने जुटाए। इसके अलावा डायग्नोस्टिक कंपनी थायरोकेयर, गैस डिस्ट्रीब्यूटर महानगर गैस, बिजनेस सर्विसेज प्रोवाइडर क्वेस कॉर्प, माइक्रोफाइनेंस फर्म उज्जीवन और डेरी मैन्युफैक्चरर पराग मिल्क फूड्स के आईपीओ हिट हुए हैं। इस दौरान, पहली तिमाही में छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) के आईपीओ की संख्या बड़ी है। एसएमई प्लेटफार्म की 13 कंपनियों ने करीब 127 करोड़ रुपए जुटाए हैं। पिछले साल 9 आईपीओ के जिए सिर्फ 42 करोड़ रुपए आए थे।