नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की आमंत्रित व्यक्तियों की सूची में नहीं था। विदेश मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है, जब मीडिया में खबर प्रकाशित हुई है कि लंदन में भारतीय उच्चायुक्त नवतेज सरना ने एक समारोह में हिस्सा लिया था, जहां माल्या भी मौजूद थे। मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, “लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) की निमंत्रण सूची एलएसई द्वारा निर्धारित की गई थी। उन्होंने उच्चायुक्त को लिखा है कि माल्या उनकी सूची में नहीं थे।”
बयान में आगे कहा गया है कि पुस्तक विमोचन समारोह, जिसमें ब्रिटेन के मंत्री जो जॉन्सन और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए थे, उसका सोशल मीडिया के जरिए अच्छी तरह प्रचार किया गया था और इसमें उपस्थिति के लिए पंजीकरण जरूरी नहीं था। बयान में कहा गया है कि जब उच्चायुक्त सरना ने उपस्थित लोगों में माल्या को देखा तो वह तत्काल मंच और समारोह स्थल छोड़कर चले गए। वह चर्चा सत्र के लिए भी नहीं रुके।
बयान में यह भी कहा गया है, “माल्या को (भारतीय) उच्चायोग के एक समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसके लिए उच्चायोग ने निमंत्रण जारी किए थे और वह वहां उपस्थित भी नहीं थे।” पुस्तक विमोचन समारोह में बैंक कर्ज धोखाधड़ी और धन शोधन मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित माल्या की उपस्थिति से विवाद पैदा हो गया है। माल्या के खिलाफ मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से माल्या को भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था, ताकि ब्रिटेन से उन्हें निर्वासित कराया जा सके। वह पिछले करीब चार महीने से लंदन में हैं। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने माल्या के खिलाफ जांच में नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना की है।