नई दिल्ली। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग ने कहा कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) पर रोक लगाने की जगह उनका नियमन और नियंत्रण करना चाहिए। गर्ग ने गुरुवार को उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर अनुचित जोर दिया जा रहा है और इन डिजिटल संपत्तियों के लिए मानक संरचना जरूरी होगा।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के बारे में अब भी पूरी स्पष्टता और समझ है। इनका नियमन करिए, नियंत्रण करिए लेकिन क्रिप्टो संपत्तियों को मंजूरी दीजिए, क्रिप्टो सेवाओं को बढ़ावा दीजिए। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने 2018 में वर्चुअल माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले व्यापार पर एक तरह से प्रतिबंध लगा दिया था और केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित सभी इकाइयों को वर्चुअल करेंसी में होने वाले सौदे को बंद करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में केंद्र से क्रिप्टो करेंसी के लिए नीतियां बनाने को कहा था और 2020 में उसने रिजर्व बैंक द्वारा लगाई गई रोक हटा दी थी। गर्ग ने कहा कि भारतीय कंपनियों को अगले तीन से पांच साल के समय में केवल डिजिटल खाते रखने की तैयारी कर लेनी चाहिए और देश भर में फैले खातों को कंपनी के खातों से जोड़ना संभव है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लेखा-जोखा और रिपोर्टिंग की पूरी व्यवस्था स्वचालित हो सकती है।
वर्तमान में, तिमाही लेखा सिस्टम लागू है, जहां कंपनियों को प्रत्येक तीन माह में अपने खातों को सार्वजनिक करना होता है। उन्होंने कहा कि हमें उच्च लेखा मानक तय करने की आवश्यकता है और ऑटोमैटिक एकाउंटिंग सिस्टम की ओर बढ़ना होगा जो उद्यमों की वर्तमान जरूरत के अनुरूप हो।
एसोचैम के एकाउंटिंग टास्क फोर्स के चेयरमैन अशोक हल्दिया ने कहा कि फाइनेंशियल रिपोर्टिंग बिजनेस की भाषा है और समय-समय पर एकाउंटिंग स्टैंडर्ड में समीक्षा करने की आवश्यकता है। व्यवसाय बदल रहे हैं, इसलिए किसी को भी अलग रखकर नहीं देखा जा सकता है। इसमें कई पक्षकार शामिल हैं। इन एकाउंटिंग स्टैंडर्ड को दिखाने की आवश्यकता है कि वह क्या हैं और समाज को क्या वापस दे रहे हें।
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