नई दिल्ली। पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में 19.77 फीसदी बढ़कर 24.63 अरब डॉलर रहा। हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा भी करीब 3 गुना बढ़कर 13.24 अरब डॉलर पहुंच गया जिसका कारण सोना एवं कच्चे तेल के आयात में तेज उछाल रहा। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च के दौरान दहाई अंक में वृद्धि जारी है और अप्रैल में भी निर्यात में 19.77 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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आंकड़ों के अनुसार आयात भी 49.07 फीसदी बढ़कर पिछले महीने 37.88 अरब डॉलर रहा। अप्रैल 2016 में यह 25.4 अरब डॉलर था। सोने का आयात इस साल अप्रैल में 3.85 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी महीने में 1.23 अरब डॉलर के आंकडे का 3 गुना है। अप्रैल में पेट्रोलियम, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग वस्तुएं और रत्न व आभूषण निर्यात में क्रमश: 48.77 फीसदी, 31.72 फीसदी, 28.21 फीसदी तथा 15 फीसदी की वृद्धि हुई। इसके अलावा रसायन, लौह अयस्क, समुद्री उत्पाद, काजू, ऑयल मील, लौह अयस्क तथा प्लास्टिक समेत अन्य क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से भी निर्यात में वृद्धि को मदद मिली। आंकड़ों के अनुसार, तेल आयात 30.12 फीसदी बढ़कर 7.35 अरब डॉलर रहा। गैर-तेल आयात भी 54.50 फीसदी बढ़कर 30.52 अरब डॉलर रहा।
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वित्त वर्ष 2016-17 में निर्यात 4.71 फीसदी बढ़कर 274.64 अरब डॉलर रहा जो 2015-16 में 262.3 अरब डॉलर था। आयात 0.17 फीसदी घटकर 380.3 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा कम होकर 105.7 अरब डॉलर रहा जो 2015-16 में 118.7 अरब डॉलर था। मार्च में सेवा निर्यात 8.57 फीसदी बढ़कर 14.18 अरब डॉलर रहा। बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में शुद्ध रुप से सेवा निर्यात 65.21 अरब डॉलर रहा जो 2015-16 में शुद्ध सेवा निर्यात 69.41 अरब डॉलर से कम है। भारतीय निर्यातक संगठनों के परिसंघ फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि GST के लागू होने और संशोधित विदेश व्यापार नीति के जारी होने से निर्यात वृद्धि को और गति मिलेगी।