नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सामने आईं अड़चनों के अब दूर होने और उपभोग का स्तर सुधरने की वजह से अगले वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कुछ सुधार के साथ 7.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह अनुमान कोटक इकनॉमिक रिसर्च की रिपोर्ट में लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है और पिछले दो वर्षों से दो अड़चनें आई थीं, अब वे दूर होने लगी हैं। कोटक इकनॉमिक रिसर्च के नोट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहेगी।
जीएसटी को लेकर अड़चनें दूर हो रही हैं, राज्यों द्वारा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग को लागू करने के बाद उपभोग का स्तर सुधरेगा। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी बढ़ेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वृद्धि में सुधार से भी अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहेगी, जो 2016-17 में 7.1 प्रतिशत रही थी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर पांच तिमाहियों के उच्चस्तर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है।