नई दिल्ली। बैंकों के पुन: पूंजीकरण की योजना से लंबे समय ठहरी कर्ज की मांग बढ़ेगी और साथ ही निजी निवेश भी आएगा। इससे अगले वित्त वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज Goldman Sachs की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। Goldman Sachs ने कहा कि सरकार की बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये डालने की योजना और कंपनियों के नतीजों में सुधार से शेयर बाजारों में तेजी आएगी।
गौरतलब है कि देश में लोकसभा चुनाव 2019 में होने हैं, वित्तवर्ष 2018-19 का अंत भी मार्च 2019 में ही होगा, ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारत की GDP ग्रोथ अगर 8 प्रतिशत हो जाएगी तो सरकार इसे अपने प्रचार में इस्तेमाल करेगी।
ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि अगले साल दिसंबर तक निफ्टी 11,600 अंक के स्तर पर होगा। इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (GST) का नकारात्मक प्रभाव इस साल समाप्त हो जाएगी और बैंकों के पुन: पूंजीकरण की योजना से ऋण की मांग बढ़ेगी और साथ ही निजी निवेश भी बढ़ेगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में खाद्य और जिंस कीमतों में तेजी की वजह से 5.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। इसके अलावा ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि 2019 के मध्य तक रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगा।