नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अर्थव्यवस्था विकास की रफ्तार का अनुमान बढ़ाकर 7.6 फीसदी व्यक्त किया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में GDP ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने के बाद सरकार ने अपना ये अनुमान बढ़ाया है। वित्त वर्ष 2014-15 में रिकॉर्ड की गई 7.2 फीसदी GDP ग्रोथ की तुलना में यह अनुमान बहुत ज्यादा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज GDP ग्रोथ के आंकड़ों को जारी करते हुए कहा कि उसने अपने एडवांस एस्टीमेट में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.6 फीसदी कर दिया है। यह ताजा एडवांस एस्टीमेट वित्त मंत्रालय के अनुमान 7-7.5 फीसदी से भी ज्यादा है।
वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.7 फीसदी रही थी। तीसरी तिमाही में जीवीए घटकर 7.1 फीसदी रहा है। वित्त वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही में जीवीए 7.5 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2016 में जीवीए 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले वित्त वर्ष 2016 में जीवीए 7.1 फीसदी रहने का अनुमान था। जीवीए में प्रोडक्ट पर टैक्स जोड़ने के बाद सब्सिडी को घटाकर जीडीपी का आंकड़ा निकाला जाता है।
वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से संशोधित होकर 7.6 फीसदी हो गई है। वित्त वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.4 फीसदी से संशोधित होकर 7.7 फीसदी हो गई है। तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में एग्री सेक्टर की ग्रोथ 2 फीसदी से घटकर -1 फीसदी रही है। तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9 फीसदी से बढ़कर 12.6 फीसदी रही है। इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई ग्रोथ 7.5 फीसदी से घटकर 6 फीसदी रही है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी रही है।