नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है और यह देश में बढ़ते निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह जैसे कई संकेतकों से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान वस्तुओं का निर्यात 232 अरब अमेरिकी डॉलर रहा और चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में कुल एफडीआई प्रवाह 62 प्रतिशत बढ़ा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अक्टूबर में पिछले साल इसी महीने के मुकाबले रोजगार बढ़ा है और विनिर्माण पीएमआई बढ़कर 55.9 हो गया, जबकि सेवा पीएमआई एक दशक के उच्चस्तर 58.4 पर पहुंच गया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है और यह दशक, वृद्धि के दशक के रूप में आकार ले रहा है, हमारा निर्यात बढ़ रहा है और एफडीआई अंत:प्रवाह और निवेश में तेज वृद्धि है।’’ गोयल ने कहा कि वैश्विक भावनाएं ‘वाय इंडिया’ (भारत क्यों) से ‘वाय नॉट इंडिया’ (भारत क्यों नहीं) में बदल रही हैं। एक अन्य कार्यक्रम में गोयल ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के छात्रों और पूर्व छात्रों को बुनकरों और कारीगरों को बाजार से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बुनकरों और कारीगरों की मदद करके आत्मनिर्भरता की भावना को दिशा दी जा सकती है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके। मंत्री ने कहा कि कारीगरों के उत्पादों की डिजाइन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सकता है और निफ्ट के छात्र इस दिशा में काम करने पर विचार कर सकते हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने उद्योग तथा सेवा क्षेत्र की सहायता करने के लिए कई नीतिगत कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे पास एक खास उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम है जिसमें कई विदेशी कंपनियों ने भी भागीदारी की है। सरकार ने अभी हाल में ही एक लाख डॉलर से अधिक की परियोजनाओं के साथ एक राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन भी लॉन्च की है जो बुनियादी ढांचा से जुड़ी कंपनियों के लिए अवसर उपलब्ध कराती है। हमने नए निवेशों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देते हुए कंपनी करों को दुनिया भर में सबसे कम कर दिया है, अपनी विदेशी निवेश व्यवस्था को उदार बनाया है तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की सहायता के लिए कई अन्य उपाय किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार या पांच वर्षों में भारत में लगभग 70 यूनिकॉर्न हो गए हैं, जिनमें से लगभग आधे कोविड महामारी के अंतिम वर्ष में ही हुए हैं।