नई दिल्ली। खरीद क्षमता में बढ़ोतरी, खपत वृद्धि और मौद्रिक रूख में नरमी से लंबी अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर रफ्तार पकड़ेगी। वहीं अगले दो साल में महंगाई दर पांच प्रतिशत से नीचे आएगी। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
मॉर्गन स्टेनली के एक शोध नोट में कहा गया है, हमारा विश्वास है कि यह लंबी अवधि का विस्तार चक्र होगा। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़ेगी, जबकि अगले दो साल के दौरान महंगाई दर प्रतिशत या उससे कम रहेगी। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार घरेलू मांग से होगा। उपभोग, सार्वजनिक निवेश तथा विदेशी निवेश इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार पिछले दो साल के दौरान वृहद वातावरण में सुधार हुआ है। हालांकि, वृद्धि में सुधार की रफ्तार अनुमान से कम रही है। हालांकि ताजा वृहत आर्थिक आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमत की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति जहां जुलाई में बढ़कर 23 महीने के उच्च स्तर 6.07 पर पहुंच गई वहीं औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जून में 2.1 प्रतिशत रही। निर्यात जून में बढ़ने के बाद जुलाई में फिर घट गया। इंजीनियरिंग सामान और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात घटने से जुलाई में इसमें एक साल पहले के मुकाबले 6.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।