नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-सितंबर) में भारतीय कंपनियों ने बाजार से 3 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। अपनी कॉरपोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक राशि जुटाने के लिए कंपनियों का सबसे पसंदीदा जरिया डेट मार्केट है। विभिन्न माध्यमों से पैसा जुटाने के तरीकों के विश्लेषण से पता चला है कि कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इक्विटी और डेट के जरिये बाजार से कुल 2,90,470 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। इसमें से सबसे ज्यादा 2.44 लाख करोड़ रुपए की राशि डेट मार्केट के जरिये जुटाई गई है, जबकि 46,197 करोड़ रुपए की राशि इक्विटी बिक्री के जरिये जुटाई गई है।
यह राशि बिजनेस विस्तार योजना के तहत वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने और कर्ज चुकाने के लिए जुटाई गई है। इक्विटी सेगमेंट में, प्रिफेरेंशियल रूट के जरिये 20,874 करोड़, क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिये 12,658 करोड़, राइट इश्यू के जरिये 7,760 करोड़ और इनीशियल पब्लिक ऑफर्स के जरिये 4,904 करोड़ रुपए की राशि कंपनियों ने जुटाई है।
डेट मार्केट में, कंपनियों ने डेट प्लेसमेंट के जरिये 2.43 लाख करोड़ रुपए की राशि एकत्रित की है, जबकि डेट सिक्यूरिटीज को सार्वजनिक जारी कर केवल 1553 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव की वजह से कॉरपोरेट बांड निवेशकों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय बन चुके हैं। इनमें जोखिम कम होता है और शेयरों की तुलना में रिटर्न अधिक मिलता है।
इसके अलावा, कंपनियां भी ताजा पूंजी जुटाने के लिए कॉरपोरेट बांड का रास्ता अपना रही हैं, क्योंकि यह बैंक की तुलना में ज्यादा सस्ता जरिया है। वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनियों ने इक्विटी और डेट मार्केट से कुल 4.80 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में यह राशि 3.92 लाख करोड़ रुपए थी।