नयी दिल्ली। भारतीय मध्यम वर्ग का रुझान अब तेजी से बदल रहा है। एक समय जहां आम भारतीय बाइक या स्कूटर खरीदने की ओर जाते थे, वहीं अब भारत में कारों की बिक्री में तेजी देखी जा रही है। मार्च के ऑटोमोबाइल सेक्टर के आंकड़ों पर गौर करें तो यह अंतर साफ दिखाई देगा। ताजा रिपोर्ट के अनुसार यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री मार्च महीने में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 28.39 प्रतिशत बढ़कर 2,79,745 इकाई पर पहुंच गई। पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते बिक्री काफी कम रही थी। वहीं दोपहिया वाहनों की बिक्री में 35 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है।
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वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने यह जानकारी दी। फाडा द्वारा 1,482 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में से 1,277 आरटीओ से वाहनों के पंजीकरण के आंकड़े जुटाए गए हैं। मार्च, 2020 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,17,879 इकाई रही थी। हालांकि, समीक्षाधीन महीने में दोपहिया की बिक्री 35.26 प्रतिशत घटकर 11,95,445 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 18,46,613 इकाई रही थी।
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इस दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी 42.2 प्रतिशत घटकर 67,372 इकाई रह गई, जो मार्च, 2020 में 1,16,559 इकाई रही थी। इसी तरह तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 50.72 प्रतिशत घटकर 38,034 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 77,173 इकाई रही थी। हालांकि, इस दौरान ट्रैक्टर की बिक्री 29.21 प्रतिशत बढ़कर 69,082 पर पहुंच गई।
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