नई दिल्ली। भारत में न केवल आरबीआई द्वारा 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए प्रतिबंध को मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटा दिया गया बल्कि अब देश का पारंपरिक बैंकिंग तंत्र भी अब क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की शुरुआत कर रहा है। इंडियन बैंक यूनाइटेड मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (Indian bank United Multistate Credit Co. Operative Society) ने अब क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टोकरेंसी उत्पादों के साथ अपनी बैंकिंग सेवाओं के विस्तार की योजना बनाई है। इंडियन बैंक यूनाइटेड भारत में अपने ग्राहकों को ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग सर्विस उपलब्ध कराएगा।
क्रिप्टो बैंकिंग सर्विस प्रदाता Cashaa के साथ गठजोड़ कर इंडियन बैंक यूनाइटेड ने UNICAS नाम से एक ज्वॉइंट वेंचर बनाया है, जो उत्तर भारत में बैंक की सभी 34 शाखाओं में ऑनलाइल क्रिप्टो बैंकिंग सर्विस और फिजिकल सर्विस दोनों उपलब्ध कराएगा। यूनाइटेड और काशा ने क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग सर्विस शुरू करने का फैसला ऐसे समय में किया है जब भारत में इसे लेकर नियम-कानून स्वष्ट नहीं है।
रिजर्व बैंक ने भारत में क्रिप्टो करेंसी के कारोबार पर 2018 में प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया। यानी भारत में अब क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने का कारोबार किया जा सकता है। इसके बावजूद देश के बैंकों ने अभी तक इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
UNICAS इंडियन बैंक यूनाइटेड के अकाउंट होल्डर्स को अपने बैंक अकाउंट को सीधे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के साथ इंटिग्रेट करने की सुविधा देगी। इससे कस्टमर सीधे अपने बैंक एकाउंट से कैश देकर बिटक्वाइन (Bitcoin- BTC), ईथर (Ether- ETH), रिप्पल (Ripple- XRP) और काशा (Cashaa- CAS) जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे। इसके अलावा इंडियन बैंक यूनाइटेड के अकाउंट होल्डर्स क्रिप्टोकरेंसी के एवज में लोन भी ले सकेंगे। Cashaa के सीईओ कुमार गौरव ने कहा कि भारत मे क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है, इसी वजह से हमने इंडियन बैंक यूनाइटेड के साथ UNICAS शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने 200 प्रतिशत से 400 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।