नई दिल्ली: इंडियन बैंक ने शनिवार को कहा कि उसने तीन गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) खातों के संबंध में रिजर्व बैंक को 266 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की सूचना दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इन गैर-निष्पादित खातों को धोखाधड़ी वाले खाते घोषित किया गया है और नियामकीय जरूरत के मुताबिक इसकी जानकारी रिजर्व बैंक को दी गई है। बैंक ने 166.89 करोड़ रुपये के बकाया के साथ एम पी बॉर्डर चेकपोस्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड, पुणे शोलापुर सड़क विकास (72.76 करोड़ रुपये) और सोनाक (27.08 करोड़ रुपये) को धोखधड़ी वाला घोषित किया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार का मानना है कि देश में कॉरपोरेट (कंपनियों) को बैंकों का स्वामित्व रखने की अनुमति देना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों का स्वामित्व कंपनियों को देने से संबद्ध पक्ष लेनदेन का जोखिम बढ़ता है।
अक्टूबर, 2017 से अक्टूबर 2020 तक एसबीआई की कमान संभालने वाले कुमार ने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से भारत जैसे देश में कॉरपोरेट घरानों को बैंकों का मालिक होने की अनुमति देना बहुत जोखिम भरा है। मेरा मानना है कि कंपनियों के हाथों में बैंकों का स्वामित्व देना सही नहीं है।’’
रजनीश कुमार ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास सही स्वामित्व वाले और पेशेवर रूप से प्रबंधित बैंक होने चाहिए।’’ भारतीय रिजर्व बैंक के आंतरिक कार्यसमूह (आईडब्ल्यूजी) ने पिछले साल बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकों का प्रवर्तक बनने की अनुमति देने की सिफारिश की थी।