नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक के साथ प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी है। इंडियाबुल्स ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अप्रैल 2019 में लक्ष्मी विलास बैंक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य अधिक पूंजी आधार और व्यापक भौगोलिक पहुंच वाला उद्यम बनाना है।
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 20 जून 2019 को हुई अपनी बैठक में विलय के प्रस्ताव पर विचार किया और उसे मंजूरी दे दी है।
इससे पहले लक्ष्मीविलास बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक के इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ विलय को मंजूरी दी थी। विलय प्रस्ताव के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे।
दोनों कंपनियों के विलय से बनने वाली संयुक्त इकाई में कर्मचारियों की संख्या 14,302 होगी और वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीने की अवधि में उसका दिया गया कर्ज 1.23 लाख करोड़ रुपए होगा।