नई दिल्ली। एसोचैम और थॉट आर्बिटरेज रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में प्रौद्योगिकी केंद्रित स्टार्टअप का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र है। इस लिहाज से अमरीका व ब्रिटेन पहले दो स्थान पर है। इसके अनुसार देश में सबसे अधिक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप यानी नई पीढी की कंपनियां बेंगलुरू में हैं। इसके बाद क्रमश: दिल्ली एनसीआर व मुंबई का नंबर आता है। इसके साथ ही हैदराबाद व चेन्नई भी उदीयमान प्रौद्योगिकी उद्यमों में बहुत लोकप्रिय है।
2015 के दौरान भारत में 4200 स्टार्टअप
इसकी रिपोर्ट में कहा गया है, प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप में भारत दुनिया में बढ़कर तीसरे स्थान पर आया है। भारत में इस तरह के स्टार्टअप की संख्या 2015 में 4200 रही। अमेरिका में उक्त संख्या क्रमश: 4700 व ब्रिटेन में 4500 रही। स्टार्टअप की कुल संख्या के लिहाज से भारत दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है।
IT छूट का ऐसे उठाएं फायदा
किसी कंपनी को स्टार्टअप कैटेगरी में आने के लिए उसके प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म अथवा लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। इसके अलावा स्टार्टअप के लिए किसी कंपनी का गठन 5 साल से पुराना नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही कंपनी का टर्नओवर 25 करोड़ रुपए तक होना चाहिए। तभी वह कंपनी स्टार्टअप की कैटेगरी में शामिल सकती है। कॉमर्स मिनिस्ट्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पोर्टल या ऐप https://startupindia.gov.in के जरिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस रियल टाइम में किया जाएगा।