नई दिल्ली। पाकिस्तान पर विदेशी निवेशक कितना भरोसा करते हैं और वे इस देश में कारोबार के लिए कितना निवेश करते हैं यह पता करने के लिए आपको यह खबर जरूर पढ़ना चाहिए। पाकिस्तान का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) वित्त वर्ष 2020-1 में जुलाई से फरवरी के बीच 30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.3 अरब डॉलर रहा है। पाकिस्तान में वित्त वर्ष की शुरुआत जुलाई से होती है। वहीं इसकी तुलना में भारत में वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर तक कुल 67.54 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है।
पाकिस्तान के पावर, टेलीकॉम और फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में केवल 1.30 अरब डॉलर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि वैश्विक निवेशक कोविड-19 महामारी की वजह से नए निवेश योजनाओं के लिए तैयार नहीं हैं। इससे पहले वित्त वर्ष की समान अवधि में पाकिस्तान में 1.85 अरब डॉलर का एफडीआई आया था, तब कोविड-19 जैसी महामारी का कोई नामोनिशां नहीं था।
पाकिस्तान में एफडीआई के रूप में सबसे ज्यादा निवेश करने के मामले में चीन शीर्ष स्थान पर है। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ माह के दौरान चीन ने पाकिस्तान में 49.39 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इसके बाद नीदरलैंड (11.78 करोड़ डॉलर) और हांगकांग (10.63 करोड़ डॉलर) का स्थान है। पाकिस्तान के पावर, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और फाइनेंशियल बिजनेस सेक्टर में सबसे ज्यादा एफडीआई आता है। पाकिस्तान सरकार राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए दोबारा टैक्स नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। नीतियों में लगातार बदलाव करने से विदेशी निवेशक भविष्य की निवेश योजनाओं को लेकर असमंजस में हैं।
पाकिस्तान के पावर सेक्टर ने वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ माह में सबसे ज्यादा 53.67 करोड़ डॉलर का एफडीआई हासिल किया है। इसके बाद फाइनेंशियल सेक्टर ने 19.69 करोड़ डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया।
पाकिस्तान की तुलना में यदि भारत को देखा जाए तो यहां विदेशी निवेशकों का भरोसा निरंतर बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ माह के दौरान यहां 67.54 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। यह किसी भी एक वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में सबसे अधिक एफडीआई है। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले नौ माह के दौरान भारत में 55.14 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
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