वाशिंगटन। भारत में बंगाल की खाड़ी में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट के विशाल भंडार का पता लगाया है, जिसका फायदा उठाया जा सकता है। यह बात एक शीर्ष अमेरिकी एजेंसी ने कही, जिसने इस बड़ी खोज में मदद की। एजेंसी ने कहा कि यह गैस उत्पादन लायक है इसका फायदा भारत को होगा।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) एनर्जी रिसोर्सेज के संयोजक वॉल्टर ग्विड्रोज ने कहा, बंगाल की खाड़ी जैसी खोज से गैस हाइड्रेट की वैश्विक ऊर्जा संसाधन क्षमता का फायदा उठाने और सुरक्षित तरीके से उनके उत्पादन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी को परिभाषित करने में मदद मिलेगी। यूएसजीएस ने कहा कि यह खोज विश्व में अब तक सबसे व्यापक गैस हाइड्रेट उद्यम का नतीजा है जिसमें भारत, जापान और अमेरिका के वैज्ञानिक शामिल हैं।
यूएसजीएस ने कहा कि वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रौद्योगिकियों के लिए भारत के अपतटीय इलाके में गैस हाइड्रेट भंडार की विशिष्टताओं का पता लगाया। इस अनुसंधान का नाम इंडियन नेशनल गैस हाइड्रेट प्रोग्राम एक्सपेडीशन 02 था। यह हिंद महासागर में गैस हाइड्रेट भंडार का पता लगाने का दूसरा संयुक्त प्रयास था।
रिलायंस और केजी-डी6 पर खर्च किए 4,500 करोड़ रुपए
रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसकी भारत ब्रितानी कंपनी बीपी ने सात साल पुराने केजी-डी6 गैस ब्लॉक से गैस के उत्पादन को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने के लिए 4,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है। हालांकि सात साल पुराने इस क्षेत्र में उत्पादन स्वाभाविक रूप से तेजी से घट रहा है। आरआईएल-बीपी मौजूदा समय में धीरूभाई-1 और 3 गैस क्षेत्र एवं तेल एवं गैस क्षेत्र से उत्पादन कर रहे हैं। बंगाल की खाड़ी के केजी-डी6 ब्लॉक में करीब आधा दर्जन खोजों के बाद इन तीन क्षेत्रों से वह उत्पादन कर रहा है।