ग्लासगो: भारत और ब्रिटेन अपनी अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) भागीदारी को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र के सीओपी-26 (क्लामेट चेंज कॉन्फ्रेंसेज ऑफ पार्टी) जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देश एक नई हरित ग्रिड पहल को शुरू करेंगे जिसे जरिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा जाएगा।
नई वैश्विक हरित ग्रिड पहल वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (जीजीआई-ओएसओडब्ल्यूओजी) आईएसए के ओएसओडब्ल्यूओजी बहुपक्षीय अभियान का हिस्सा है, जिसका मकसद वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा ढांचे को तेजी से जोड़ना है। नई हरित ग्रिड पहल मंगलवार को सीओपी-26 के दौरान शुरू की जाएगी।
आईएसए के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा, "हरित ग्रिड पहल का उद्देश्य इच्छुक पक्षों के गठबंधन से शुरुआत करना है, जैसे कि कोई दो देश, जो सौर विद्युत के हस्तांतरण से पारस्परिक रूप से लाभान्वित होंगे।" उन्होंने कहा, "यह ना केवल भारत एवं ब्रिटेन के लिए बल्कि तमाम देशों के लिए ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत यानी सूरज से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए भी एक बड़ा अवसर है।"
ब्रिटेन के व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति (बीईआईएस) विभाग ने इस संयुक्त परियोजना के बारे में कहा, ‘‘यह पहल राष्ट्रीय सरकारों, वित्तीय संगठनों तथा बिजली प्रणाली परिचालकों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को साथ लाएगी। इससे सुरक्षित, विश्वसनीय और सस्ती बिजली के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए बुनियादी ढांचे के निर्माण को तेज किया जा सकेगा। इनमें आधुनिक, लचीले ग्रिड, चार्जिंग प्वाइंट और बिजली इंटरकनेक्टर शामिल हैं।’’
आईएसए ने हाल में अपने सदस्य देशों के बीच 1,000 अरब डॉलर का वैश्विक निवेश जुटाने के लिए ब्लूमबर्ग फिलेन्थ्रैपी के साथ भागीदारी की है। दोनों संगठनों ने विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) के साथ मिलकर सौर निवेश कार्रवाई एजेंडा तथा सौर निवेश रूपरेखा के लिए काम करने का फैसला किया है। इसे भी सीओपी-26 में पेश किया जाएगा।